पंजाब

किसान आंदोलन: किसानों ने एक महत्वपूर्ण शर्त रखी, शुभकरण मौत मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद केंद्र से बातचीत करेंगे।

किसान आंदोलन: 23 फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे किसान अब पांचवें दौर की बैठक करेंगे जब पंजाब पुलिस युवा किसान शुभकरण की मौत मामले में केस दर्ज करेगी। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने ऐसा दावा किया है। साथ ही, उन्होंने कहा कि किसान संगठन शायद दिल्ली नहीं जाकर कोई बड़ा कदम उठाएं। पंजाब, हरियाणा और केंद्र सरकारों को इससे नुकसान हो सकता है। वहीं, मंगलवार को दातासिंह वाला बॉर्डर पर एक और किसान की मौत हो गई।

किसान आंदोलन के पंद्रहवें दिन, 60 वर्षीय पटियाला निवासी करनैल सिंह की तबीयत खराब होने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इससे पहले भी आंदोलन में आठ लोग मर चुके हैं। दूसरी ओर, हरियाणा सरकार ने अंबाला में इंटरनेट पर दो दिन की पाबंदी लगा दी है।

किसान नेता जगजीत डल्लेवाल ने कहा कि हरियाणा पुलिस ने किसान प्रीतपाल सिंह को मारपीट कर मामला दर्ज किया है। शुभकरण की मौत पर अब तक सरकार ने एफआईआर नहीं दर्ज की है, इसलिए अगली बैठक नहीं होगी। यह निर्णय मंगलवार को किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा के संयुक्त फोरम की बैठक में लिया गया है। डल्लेवाल ने कहा कि बुधवार को सभी फोरम एक बार फिर मिलेंगे और अगली योजना बनाएंगे। 29 फरवरी की सुबह ही दिल्ली कूच पर निर्णय लिया जाएगा।

शांति मार्च निकालकर प्रदर्शन किया

शांति मार्च निकालकर प्रदर्शन किया
किसान आंदोलन

दातासिंह वाला बॉर्डर पर किसानों ने शान्ति मार्च निकाला। किसान नेताओं ने कहा कि लोगों को शांति चाहिए। शांति के माध्यम से सरकार से अपनी मांग मनवाना चाहते हैं। आंदोलन जारी रहेगा जब तक सरकार लिखित मांगों को पूरा नहीं करती। वह शांतिपूर्वक दिल्ली जाने के लिए सरकार से अनुमति चाहते हैं, लेकिन अगर ऐसा नहीं होता, तो वे दिल्ली जाने के लिए अलग-अलग योजनाएं बनाकर हर संभव मोड़ लेंगे।

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