World Water Day 2025: इसका इतिहास, महत्व और थीम जानें
World Water Day 2025: जीवन जल में है। हम बचपन से यह पंक्तियाँ सुनते आ रहे हैं। यह पंक्तियाँ सार्थक हो जाती हैं क्योंकि आज दुनिया में शुद्ध जल की कमी है। इस दिन, हमारे जीवन में जल का महत्व स्मरण किया जाता है। 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है। यह दिन जल संरक्षण और उसके महत्व को समर्पित है। विश्व जल दिवस 2025 पर इसके बारे में अधिक जानें।
World Water Day 2025 का इतिहास
1992 में विश्व जल दिवस का उद्घाटन हुआ था। विश्व जल दिवस को पहली बार रियो दी जेनेरियो, ब्राज़ील में पर्यावरण और विकास सम्मलेन में मनाया गया था। इस दिन विश्वव्यापी दिवस मनाने का प्रस्ताव था। संयुक्त राष्ट्र ने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया और 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। इसलिए, 1993 में पहली बार यह दिवस मनाया गया था।
2025 विश्व जल दिवस की थीम
World Water Day हर साल एक विशिष्ट विषय पर मनाया जाता है। 2024 की थीम है पानी का उपयोग शान्ति के लिए। यही कारण है कि 2023 में इसकी थीम, “अक्सेलरेटिंग चेंज”, तेज़ी से बदल गई। इस विषय ने जल क्षेत्र में तत्काल कार्रवाई का महत्व उठाया। साथ ही, लोगों, समुदायों और पर्यावरण को प्रभावित करने वाले प्रमुख जल मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। दुनिया भर में इस वर्ष 2025 की थीम पर दिवस मनाया जाएगा और देशों में कार्यक्रम भी होंगे।
World Water Day 2025 का महत्व
पानी ही पृथ्वी पर जीवन को जन्म दे सकता था। पानी के बिना जीवन लगभग असंभव है। पुरानी संस्कृतियां भी नदियों के किनारे विकसित हुईं। आज, प्रदूषण और बढ़ती जनसंख्या से पानी की कमी होती जा रही है। इसके अलावा, विभिन्न उद्योगों ने अधिक पानी खर्च किया है। इसलिए जल संरक्षण के बारे में लोगों को शिक्षित करना बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। हम सभी का कर्तव्य है कि हम पानी को समझकर इस्तेमाल करें और इसे बर्बाद न करें। यह सब विश्व जल दिवस पर उठाया गया है। धरती पर रहने वाले हर जीव पानी पर निर्भर है। सभी को पानी का संकट खतरा है।इसलिए विश्व जल दिवस वैश्विक जल संरक्षण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण है।
भारत सहित कई जगहों पर पानी का संकट लगातार बढ़ता जा रहा है। UN की एक रिपोर्ट के अनुसार 2050 तक भारत दुनिया में पानी की सबसे बड़ी समस्या होगी। पानी की कमी भी भारत के पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान में होगी। UN की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में 1.7 से 2.40 अरब शहरी लोग पानी के संकट से जूझेंगे।