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प्रयागराज में दिव्य-भव्य महाकुम्भ में 76वें गणतंत्र दिवस पर विशेष कार्यक्रम हुआ।

गणतंत्र दिवस पर, महाकुम्भ मेला क्षेत्र और अखाड़ों में भारतीय रंगों का अद्भुत प्रदर्शन हुआ।

प्रयागराज में दिव्य-भव्य महाकुम्भ में 76वें गणतंत्र दिवस पर विशेष कार्यक्रम हुआ। संगम में डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ आई। गणतंत्र दिवस पर, महाकुम्भ मेला क्षेत्र और अखाड़ों में भारतीय रंगों का अद्भुत प्रदर्शन हुआ। ध्वजारोहण साधु-संतों के अखाड़ों, कल्पवासियों के कैम्पों और सरकारी विभागों के अस्थाई मेला आफिस में हुआ।

आज भी संगम तट पर, जहां लोग आस्था के स्नान के लिये आते हैं, एकता और राष्ट्रप्रेम का संदेश गूंज रहा है। राष्ट्रध्वज का सम्मान करने के लिए महाकुम्भ मेला क्षेत्र में तिरंगा फहराया गया। महाकुम्भ नगर को विभिन्न स्थानों पर आयोजित ध्वजारोहण समारोह ने एक नई ऊर्जा दी।

समाज कल्याण विभाग के शिविर में इस खास अवसर पर एक अनोखा चित्र देखा गया। 70 वर्षीय मुन्नी देवी, जो मिर्जापुर से एक वृद्धाश्रम से आई थी, ने यहां ध्वजारोहण किया। यह दृश्य बहुत भावुक था क्योंकि यह दिखाता था कि महाकुम्भ एक आस्था का महापर्व है, जिसमें समाज के सभी वर्गों ने भाग लिया है। इस दिन को मुन्नी देवी जैसे वरिष्ठ नागरिकों की उपस्थिति ने और भी खास बना दिया।

महाकुंभनगर में गणतंत्र दिवस के आयोजन को गर्व से भर दिया गया। साथ ही सरकार द्वारा महाकुम्भ मेला क्षेत्र में निर्मित विशेष शिविर और वृद्धाश्रम में ध्वजारोहण कार्यक्रम भी हुआ। यह शिविर वरिष्ठ नागरिकों को आश्रय देता है ताकि वे महाकुम्भ में आकर पवित्र स्नान कर सकें।

कार्यक्रम के दौरान महाकुंभनगर के विभिन्न अखाड़ों, सरकारी कार्यालयों और समाजसेवी संस्थानों के कैम्पों में राष्ट्रभक्ति गीत प्रस्तुत किए गए। इसके अलावा, सभी उपस्थित लोगों ने योगासन में भाग लिया। योगाभ्यास ने इस महाकुम्भ को बनाने में शारीरिक और मानसिक ऊर्जा भी दी।

इस बार उत्तर प्रदेश सरकार ने एक विशिष्ट कदम उठाया है। कुम्भ क्षेत्र में सौ बेड का एक आश्रम वृद्धाश्रमों में रहने वाले लोगों के लिए बनाया गया है। यह आश्रम विशेष रूप से वृद्ध लोगों के लिए बनाया गया है, जो महाकुम्भ में आकर संगम में पवित्र स्नान करना चाहते हैं, लेकिन उनकी यात्रा और स्नान में कोई कठिनाई न हो। अब तक मिर्जापुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, भदोही, कौशांबी, हरदोई, सीतापुर और लखनऊ से लगभग 450 वरिष्ठ नागरिक महाकुम्भ में पहुंच चुके हैं और संगम में डुबकी लगा चुके हैं।

महाकुम्भ में गणतंत्र दिवस का आयोजन न केवल राष्ट्रीय एकता और राष्ट्रीयता का प्रतीक है, बल्कि यह एक अद्वितीय अवसर है जो समाज के हर वर्ग को एकजुट करने का अवसर है। इस कार्यक्रम ने न केवल एकता का संदेश दिया, बल्कि एक समर्पित समाज कैसे अपने बुजुर्गों की गरिमा और उनके अधिकारों का सम्मान करता है।

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