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AAP Haryana Election: AAP हरियाणा में अकेले चुनाव लड़ेगी, केजरीवाल की नामौजूदगी में भगवंत मान के लिए प्रचार नहीं होगा आसान

AAP Haryana Election:-

AAP Haryana Election:  हरियाणा में विधानसभा चुनाव शुरू हो गए हैं। हरियाणा में आम आदमी पार्टी ने किसी दल से बिना गठबंधन किए अकेले चुनाव लड़ने का एलान किया है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के लिए हरियाणा में चुनाव प्रचार करना बड़ी चुनौती होगी क्योंकि सतलुज यमुना नहर लिंक का मुद्दा दोनों राज्यों में महत्वपूर्ण राजनीतिक मुद्दा है।

हरियाणा में विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) ने वहां चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की चुनाव प्रचार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होगी क्योंकि आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल जेल में हैं।

हरियाणा में चुनाव प्रचार करना भगवंत मान के लिए मुश्किल होगा। यही कारण है कि सतलुज यमुना लिंक नहर (एसवाईएल) दोनों राज्यों का सबसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा है।

चुनावी प्रचार मान के लिए आसान नहीं होगा

भगवंत मान से अक्सर पूछा जाता है कि क्या हरियाणा में आपकी सरकार बनने के बाद एसवाईएल का पानी मिलेगा। यह प्रश्न उन्हें दुविधा में डालता है। मुख्यमंत्री मान से पिछले दिनों ही यह प्रश्न पूछा गया था, लेकिन उन्होंने कोर्ट में मामला होने का हवाला देकर इसे टाल दिया।

भगवंत मान से पहले भी कई मुख्यमंत्रियों ने प्रचार किया है

भगवंत मान पहले ऐसे मुख्यमंत्री नहीं हैं जो हरियाणा में चुनाव प्रचार करेंगे। इससे पहले, पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने भी हरियाणा में इनेलो का प्रचार किया था।

कांग्रेस के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, इसके विपरीत, हरियाणा में चुनाव प्रचार से दूर रहे। यही कारण है कि हरियाणा में चुनाव प्रचार के दौरान भगवंत मान पंजाब के हितों को कैसे संभालते हैं। यह भी मुख्यमंत्री के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी।

पंजाब में उपचुनाव नहीं होने से पार्टी को राहत मिली है

हरियाणा चुनाव के साथ पंजाब की चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव नहीं होने से आप को, खासकर मुख्यमंत्री भगवंत मान को, काफी राहत मिली है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग लुधियाना, सुखजिंदर रंधावा गुरदासपुर, डा. राज कुमार चब्बेवाल होशियारपुर और गुरमीत सिंह मीत हेयर संगरूर से सांसद चुके हैं।

इसके बाद गिद्दड़बाहा, डेरा बाबा नानक, चब्बेवाल और बरनाला विधानसभा क्षेत्रों में सीटें खाली हो गईं। पहले अनुमान लगाया जा रहा था कि इन चार सीटों पर भी हरियाणा चुनाव के साथ उपचुनाव होंगे। ऐसा होता तो भगवान का सम्मान पंजाब में ही रहता।

क्योंकि उपचुनाव सत्तारूढ़ पार्टी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा। पार्टी को जालंधर की पश्चिमी विधानसभा सीट पर हुआ उपचुनाव बहुत चिंताजनक था। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इससे प्रेरित होकर जालंधर में किराये पर घर ले लिया।

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