झारखण्ड

रांची में GBS मरीज मिलने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अफसरों को निर्देश दिए

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि GBS के लक्षणों वाले किसी भी व्यक्ति को तुरंत जांच करने और उसके इलाज का बेहतर प्रबंध करने की आवश्यकता है।

झारखंड की राजधानी रांची में गुलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) से पीड़ित एक बच्ची की पुष्टि होने के बाद राज्य सरकार अलर्ट हो गई है। इस मुद्दे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अफसरों और मंत्रियों के साथ बैठक की। सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नर और सिविल सर्जन भी इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस बीमारी के लक्षणों को दिखाते हुए किसी भी व्यक्ति को तुरंत जांच करने और उसके बेहतर इलाज देने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों और सिविल सर्जनों को बताया कि सभी जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में एहतियाती तौर पर विशिष्ट वार्ड बनाए जाएं।

GBS मरीज मिलने पर सीएम हेमंत सोरेन ने निर्देश दिए

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, “स्पेशल वार्डों में वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सप्लाई, बीमारी के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाइयों की व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए। यह बीमारी संक्रामक नहीं है, लेकिन समय पर इसका इलाज चाहिए और लोगों को इसके बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।:”

पीड़ित बच्ची महाराष्ट्र से आई थी

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने बैठक में कहा, “5 साल की जिस बच्ची के जीबीएस से पीड़ित होने की बात सामने आई है, उसके बारे में बताया गया है कि वह हाल में अपने परिवार के लोगों के साथ महाराष्ट्र से आई है।”:”

GBS को लेकर हमें सतर्क रहना चाहिए— स्वास्थ्य मंत्रालय

स्वास्थ्य विभाग की सर्विलांस यूनिट की टीम ने हॉस्पिटल जाकर उसके बारे में पूरी जानकारी हासिल की है, उन्होंने बताया। बच्ची का स्टूल कलेक्ट कर जांच के लिए पुणे भेजा गया है। झारखंड में किसी अन्य व्यक्ति को इस बीमारी से पीड़ित होने की सूचना नहीं है, लेकिन इसे लेकर हमें सतर्क रहना चाहिए।:”

स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी की टिप्पणी क्या थी?

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में भाग लेते हुए कहा, “पीड़ित बच्ची के इलाज को लेकर हॉस्पिटल मैनेजमेंट से जानकारी ली गई है। वे इस मुद्दे को निजी तौर पर देख रहे हैं। केंद्रीय सरकार से भी दिशानिर्देशों का इंतजार है। मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार सहित कई अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे।

राजस्थान और महाराष्ट्र में जीबीएस के कई मामले सामने आए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि यह बीमारी संक्रामक  नहीं है। यह एक ऑटो इम्यून बीमारी है जो नर्वस सिस्टम को खराब कर सकती है। समय पर सही इलाज मिलने से इस बीमारी के ज्यादातर मरीज स्वस्थ हो जाते हैं।

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