NOC की शर्त हटाने की घोषणा के बाद रजिस्ट्री करवाने वालों की भीड़ बेकाबू हो गई।
6 महीने में दो बार विजिलैंस की रेड के बाद सेंट्रल सब-रजिस्ट्रार में तहसीलदार बहुत कम बैठते थे। भी विजिलैंस के डर से कर्मचारी कभी नहीं आते। इस बीच, लोगों ने पिछले तीन दिनों से रजिस्ट्रीयों में काम नहीं किया। लेकिन मंगलवार को सुबह से तहसीलदार नहीं आए, और दोपहर बाद सब-रजिस्ट्रार (सेंट्रल) में भीड़ जमा होने लगी।
देर शाम स्थिति ऐसी बन गई कि भीड़ को नियंत्रित करना भी मुश्किल हो गया। हालात ऐसे थे कि दिन में काम करना बहुत मुश्किल था। उस स्थान पर रात को काम होता है। लोगों का कहना है कि तहसीलदार पैडैंसी खत्म हो रहा है। किन्तु सीएम भगवंत सिंह मान ने एनओसी की शर्त को हटाने की घोषणा करने के बाद, तहसीलदार साहिब को पैडेंसी खत्म करने की याद आ गई, जो एक गंभीर संकेत था। फिर भी, सेंट्रल सब-रजिस्ट्रार ने रात भर काम किया। अधिकारी ही निर्णय लेंगे कि क्या सही है।
शनिवार और रविवार को छुट्टी होने के कारण कार्यालय बंद था। सोमवार को तहसीलदार साहिब नहीं पहुंचे। इससे कोई लाभ नहीं हुआ। तहसीलदार मंगलवार को भी दोपहर तीन बजे ऑफिस पहुंचे। लेकिन दोपहर बाद तहसीलदार ने आकर लोगों को काम पर लगाया। स्थिति ऐसी थी कि देर शाम को भीड़ इतनी बड़ी हो गई कि तहसीलदार के कार्यालय के पास एक स्लाइड गेट का शीशा तक टूट गया। वहीं, सूत्रों का कहना है कि सीएम भगवत सिंह मान ने एनओसी की शर्त को रजिस्ट्रियों से हटाने का आह्वान किया है। हालाँकि, अभी कोई सूचना नहीं मिली है। लेकिन आज बहुत सी रजिस्ट्रियां सब-रजिस्ट्रार (सेंट्रल) में बिना एनओसी की पैडिंग के हुई हैं। क्योंकि आज केवल लगभग 1200 अप्वाइंटमेंट थे।
लेकिन काम करने वालों की संख्या इतनी बड़ी हो गई कि लगभग एक महीने से काम नहीं हुआ था। उधर, इस मामले में तहसीलदार नवप्रीत सिंह शेरगिल से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन वे उपलब्ध नहीं हुए।