Air Pollution
Air Pollution: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली सहित छह राज्यों से पूछा है कि वे नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (NCAP) और 15वें वित्त आयोग से कितना धन प्राप्त कर चुके हैं और उस धन का क्या उपयोग किया गया है। नॉन-अटेनमेंट शहर में एक्शन प्लान लागू करने और हवा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए यह धन दिया जाता है। शहरों को नॉन-अटेनमेंट सिटी कहा जाता है अगर वे पिछले पांच वर्षों में एयर क्वॉलिटी और प्रदूषण नियंत्रण के निर्धारित मानकों को पूरा नहीं कर पाए हैं।
प्रदूषण को कम करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
NGT अध्यक्ष जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली बेंच ने निर्णय दिया कि दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार और गुजरात के पल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने नवीनतम स्टेटस रिपोर्ट भेजी है। इससे स्पष्ट होता है कि राज्य सरकारों ने अपने शहरों में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कुछ प्रयास किए हैं, लेकिन एयर क्वॉलिटी इंडेक्स को देखते हुए लगता है कि इन प्रयासों से कोई सुधार नहीं हुआ है।
संबंधित राज्यों के शहरों में हवा की गुणवत्ता का इंडेक्स कमजोर, बेहद कमजोर या कुछ गिरावट के साथ गंभीर स्थिति में ही बना हुआ है। Триब्यूनल ने कहा कि इसलिए इन छह राज्यों को अपने शहरों में हवा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
कहाँ धन का उपयोग किया गया
Триब्यूनल ने ध्यान दिया कि नॉन-अटेनमेंट शहर वाले राज्यों को एयर क्वॉलिटी में सुधार के लिए एक्शन प्लान लागू करने के लिए 15वें वित्त आयोग और नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (NCAP) से धन मिल गया है। Триब्यूनल ने कहा कि गैर-अटेनमेंट शहर में शामिल राज्यों को अपनी अगली रिपोर्ट में बताना होगा कि वे कितना धन प्राप्त कर चुके हैं और उसे कैसे खर्च किया गया है। इन राज्यों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उनके शहर की एयर क्वॉलिटी सुधर रही है, न कि बिगड़ी है।
एनजीटी ने देश भर के कई शहरों में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर खुद से जांच शुरू की थी। पांच दिसंबर को इस पर अगली सुनवाई होगी। read more