Al Fraud News: फरीदाबाद में, बेटा को रेप केस में फंसाया गया है, AI ने रोते हुए आवाज सुनाई, 46 लाख ठग लिए, ये क्या है?

Al Fraud: फरीदाबाद के एक युवक, जो अमेरिका में काम करता है, की गिरफ्तारी का भय दिखाकर उसकी मां से लगभग 46 लाख रुपये ठग लिए गए। जालसाजों ने महिला को फोन कर पूछा कि क्या उसका बेटा एक आईटी कंपनी में इंजीनियर है? महिला ने हाँ कहकर ठगों ने अपना जाल बिछाया। अमेरिकी पुलिस ने कहा कि यह कॉल है। अमेरिकी पुलिस ने आपके बेटे को एक रेप मामले में गिरफ्तार किया है। पुलिस उसका पासपोर्ट, कार और फोन रखती है।बेटे को बचाने के लिए मां से कई बार लगभग ४६ लाख रुपये विभिन्न खातों में जमा करवाए गए।

इतना ही नहीं, ठगों ने कृत्रिम इंटेलिजेंस या AI की मदद से अपने बेटे की आवाज भी सुनाई। युवक के माता-पिता को डराकर आरोपियों ने तीन दिन का डिजिटल अरेस्ट किया। पीड़ित दम्पती की शिकायत पर साइबर थाना सेंट्रल में मामला दर्ज किया गया है।

वह सेक्टर-15ए में अपनी पत्नी के साथ रहता है, एक पूर्व बैंक अधिकारी ने पुलिस को बताया। उनका बेटा दूसरे देश में IT इंजीनियर है। दंपती ने बताया कि 12 दिसंबर को वट्सएप पर उनके पास कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा कि वह यूएस पुलिस का अधिकारी है। मैंने पहले पूछा कि आपका बेटा अमेरिका में है या नहीं। जब पीड़ित दंपती ने हां कहा, तो वे बातों में फंस गए और पैसे ऐंठ लिए।

पीड़ित, जिसका डिजिटल अरेस्ट तीन दिनों तक चला, ने बताया कि कॉल पर उन्होंने आरोपियों से बेटे से बात करने को कहा। जब उनकी बात करवाई गई, कॉल पर एक बहुत तेज रोने की आवाज आने लगी. अपने आप को अमेरिकी पुलिस अधिकारी बताने वाले व्यक्ति ने फोन तुरंत लिया। कॉल करने वाले ने कहा कि इस बारे में किसी को बताने से उनके बेटे को बुरा लगेगा।

क्या डिजिटल अरेस्ट है?

अरेस्ट अक्सर गिरफ्तारी या गिरफ्तारी का अर्थ है। इसके बाद डिजिटल जुड़ जाना, यानी डिजिटल गिरफ्तार करना। दरअसल, ठगी की इस नवीनतम चाल में लोगों को विडियो कॉलिंग और कॉलिंग के माध्यम से ब्लैकमेल किया जाता है। इसमें साइबर अपराधी लोगों को धमकाते हैं और पुलिस या किसी अन्य संस्था के जांच अधिकारी की नकल करते हैं। तकनीक का उपयोग करके बैकग्राउंड में पुलिस स्टेशन या कोई अन्य कार्यालय बनाते हैं। सामने वाले को लगता है कि कोई पुलिस अधिकारी थाने में अकेले बोल रहा है। पीड़ित को डिजिटल अरेस्ट के दौरान लगातार ऑनलाइन संपर्क में रहने की सलाह दी जाती है।

भयभीत नहीं होकर शिकायत करें।
ACP साइबर क्राइम अभिमन्यु गोयत ने बताया कि साइबर अपराधी पहले किसी को फोन कर कहते हैं कि आपका आधार कार्ड, सिम कार्ड, बैंक कार्ड या बैंक अकाउंट किसी अपराध में इस्तेमाल किया गया है। पीड़ितों से पैसे वसूलने के लिए आरोपी झूठ बोलते हैं और गिरफ्तारी का दावा करते हैं। पुलिस कमिश्नर राकेश कुमार आर्य ने कहा कि पुलिस, सरकारी निकाय और अधिकारी इस तरह के फोन करके लोगों को डराते-धमकाते नहीं हैं।

पहले फोन करने वाले को याद रखें।

जब आपको ऐसी कोई कॉल आती है, कॉल करने वाले को पहचानने का प्रयास करें। यदि ऐसे फर्जी कॉल आते हैं, तो कभी भी अपनी निजी जानकारी नहीं दें। खासतौर पर पैन कार्ड, आधार कार्ड या बैंक खाते से जुड़ी जानकारी नहीं बताएं। सरकारी एजेंसियों या अधिकारियों से इस तरह के आरोपों की पुष्टि के लिए ऑफिशल चैनल के माध्यम से संपर्क करने की कोशिश करें। ऐसा होने पर थाने में तुरंत शिकायत करें।

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