Amrit Lal Meena: कोयला कंपनियों की सुरक्षा स्थिति का आकलन करने के लिए कोयला मंत्रालय के सचिव श्री अमृत लाल मीणा ने शुक्रवार को राष्ट्रीय कोयला खान सुरक्षा रिपोर्ट पोर्टल के वर्तमान विकास की समीक्षा की।
Amrit Lal Meena: समीक्षा बैठक में कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के अध्यक्ष और कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की सहायक कंपनियों के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) सहित मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। श्री अमृत लाल मीणा ने सभी कोयला खदानों में शत प्रतिशत सुरक्षा ऑडिट करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने “शून्य दुर्घटना, विफलता-रहित सुरक्षा” के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि की। सीआईएल के अध्यक्ष ने पोर्टल का प्रदर्शन किया और मंत्रालय के अधिकारियों ने कोयला खदानों में सुरक्षा सुधारों में प्रगति के लिए महत्वपूर्ण जानकारी दी।
पोर्टल के प्रदर्शन में दो प्रमुख मॉड्यूल दिखाए गए: दुर्घटना मॉड्यूल और सुरक्षा ऑडिट मॉड्यूल। कोयला खनन में कई परिचालन और व्यावसायिक खतरों को देखते हुए, खदानों में सुरक्षित रूप से कार्य करने के लिए कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल आवश्यक हैं। कोयला कंपनियां अपने विज़न और मिशन के अनुरूप एक व्यापक सुरक्षा नीति लागू करने के प्रति समर्पित हैं।
राष्ट्रीय कोयला खान सुरक्षा रिपोर्ट पोर्टल सुरक्षा प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है। दुर्घटना मॉड्यूल 24 घंटे की अवधि में तत्काल रिपोर्टिंग और दुर्घटनाओं के कुशल प्रबंधन को सक्षम करेगा, जिससे त्वरित प्रतिक्रिया और गहन विश्लेषण सुनिश्चित होगा। सुरक्षा ऑडिट मॉड्यूल ऑडिटिंग प्रक्रिया के क्षेत्र का विस्तार करेगा, कोयला खनन क्षेत्र में सुरक्षा प्रणालियों और प्रोटोकॉल को अधिक मजबूत करेगा और इन उन्नत मॉड्यूल को एकीकृत करके, महत्वपूर्ण सुरक्षा चुनौतियों का समाधान किया जा रहा है, जिससे सुरक्षा प्रबंधन के लिए नए मानकों का निर्माण किया जा रहा है।
कोयला मंत्रालय और कोयला-सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, कोयला मंत्री के नेतृत्व में संभावित खतरों की पहचान करने और इनके समाधान के लिए जोखिम मूल्यांकन प्रक्रियाओं के माध्यम से “खान सुरक्षा की संस्कृति” को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। नवीन प्रौद्योगिकियों और नीतियों से लाभान्वित, कोयला मंत्रालय का उद्देश्य सुरक्षा, उत्पादकता की संस्कृति को प्रोत्साहन देना और कोयला खनन क्षेत्र के सभी कर्मचारियों की भलाई सुनिश्चित करना है।
Source: https://pib.gov.in/