ATM Charges: एटीएम से पैसे निकालने की लागत बढ़ने वाली है, क्योंकि ऑपरेटर शुल्क में वृद्धि की मांग कर रहे हैं।

ATM Charges: ग्राहकों को आने वाले दिनों में एटीएम से पैसे निकालना महंगा पड़ने वाला है। एटीएम ऑपरेटर्स चार्ज को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं…

ग्राहकों जो कैश के लिए ATM का उपयोग करते हैं, उनके लिए बुरी खबर है। ऐसे ग्राहकों को आने वाले दिनों में झटका लग सकता है और एटीएम से कैश निकालना महंगा हो सकता है। इसलिए एटीएम ऑपरेटर्स चार्ज बढ़ाना चाहते हैं।

ग्राहकों पर पड़ेगा ये असर

ATM ऑपरेटर्स ने इंटरचेंज फी बढ़ाने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने रिजर्व बैंक और एनपीसीआई (भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम) से संपर्क किया है। इंटरचेंज फी उस शुल्क को कहते हैं, जिसे ग्राहक एटीएम से पैसे निकालने पर देते हैं। ग्राहकों को एटीएम से कैश निकालने पर अधिक शुल्क देना पड़ेगा अगर यह चार्ज बढ़ाया जाता है।

ग्राहकों पर पड़ेगा ये असर

ATM ऑपरेटर्स ने इंटरचेंज फी बढ़ाने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने रिजर्व बैंक और एनपीसीआई (भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम) से संपर्क किया है। इंटरचेंज फी एक शुल्क है जिसे ग्राहक एटीएम से पैसे निकालने पर देते हैं। ग्राहकों को एटीएम से कैश निकालने पर अधिक शुल्क देना पड़ेगा अगर यह चार्ज बढ़ाया जाता है।

इतना बढ़ाने की हो रही मांग

सीएटीएमआई, एटीएम ऑपरेटर्स के संगठन, चाहता है कि इस इंटरचेंज फी (चार्ज) को 23 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन तक बढ़ाया जाए। एटीएम उत्पादक AGS Transaction Technology ने इंटरचेंज फी को 21 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन करने की मांग की है, हालांकि कई अन्य ऑपरेटर्स 23 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन की मांग कर रहे हैं।

3 साल पहले परिवर्तन हुआ

इंटरचेंज फी को आखिरी बार 2021 में बढ़ाया गया था। उस समय इंटरचेंज फी 15 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन से 17 रुपये कर दी गई। उसके बाद से चार्ज सिर्फ 17 रुपये है। ऑपरेटर्स कहते हैं कि चार्ज में पिछला बदलाव बहुत देर से किया गया था, लेकिन इस बार देरी नहीं होगी। उनका मानना है कि इसमें जल्दी ही बदलाव हो सकता है।

क्या है इंटरचेंज फी?

एक बैंक दूसरे बैंक को इंटरचेंज फी देता है। मान लीजिए कि एटीएम मशीन पीएनबी की है ऐसे में होने वाले ट्रांजेक्शन के बदले में एसबीआई की ओर से इंटरचेंज फी का भुगतान पीएनबी को किया जाएगा. बैंक अंतत: इस चार्ज का भार ग्राहकों पर ट्रांसफर करते हैं.

Exit mobile version