Basava Jayanti 2024: हिंदू धर्म में बसव जयंती एक त्योहार है। कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र में इसे भगवान बसवन्ना के जन्मदिन के सम्मान में मनाया जाता है। इन सभी राज्यों में आज सरकारी छुट्टी है।
भगवान बसवन्ना लिंगायतवाद के संस्थापक थे और उनके जन्मदिन को बसवन्ना युग या बसवेश्वर युग कहा जाता था। हिंदू कैलेंडर में भगवान बसवेश्वर का जन्मदिन वैशाख महीने के तीसरे दिन होता है। बसव जयंती की तिथि हर साल बदलती रहेगी।
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रविवार, 23 अप्रैल 2023 बसव दिवस कर्नाटक
Basava Jayanti
12. शताब्दी में हुनुगुंड से 20 किमी दूर बागेवाड़ी में बसवन्ना का जन्म हुआ था। कुछ इतिहासकारों का दावा है कि वे इंगलेश्वर में पैदा हुए थे। उनकी माता का नाम मदालम्बे था और पिता का नाम मदारस था। उनका बचपन कुदालसंगामा में बिताया गया था, और उन्होंने गंगाम्बिके से शादी की। प्रधानमंत्री गंगाम्बिके बिज्जला की बेटी थीं। बिज्जल कलचुरी राजवंश का राजा था। Basvanna ने अकाउंटेंट बनकर काम करना शुरू किया। बाद में बिज्जला ने उन्हें मुख्यमंत्री पद का प्रस्ताव भेजा।
बसवन्ना एक प्रसिद्ध लेखक, समाज सुधारक और दार्शनिक बन गया। उन्होंने कविता लिखकर समाज को जागृत करना शुरू किया। उनका लिंग या सामाजिक पूर्वाग्रह दूर हो गया और उनका इष्टलिंग हार दिखाया गया। बिज्जल राज्य के मुख्यमंत्री होने के नाते बसवन्ना ने अनुभव मंडप की शुरुआत की, जो बाद में सभी वर्गों के लोगों के लिए जीवन के आध्यात्मिक मुद्दों पर खुलकर बहस करने का सामान्य केंद्र बन गया। बसवेश्वर के साक्षरता कार्यों में वचन साहित्य का उपयोग किया जाता है।