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BSE share price: BSE का शेयर बना रॉकेट, जबरदस्त खरीदारी से 17 प्रतिशत की तेजी, क्या है वजह?

BSE share price: BSE के इक्विटी डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट फिलहाल मंगलवार को समाप्त होता है, जबकि NSSE ने अप्रैल 2025 से सोमवार को अपनी एक्सपायरी रखने की योजना बनाई थी, जो अब अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गया है।

BSE share price: शुक्रवार, हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन, बीएसई लिमिटेड के शेयर में भारी उछाल देखने को मिलता है। शुरुआत में यह शेयर 17% से अधिक उछल गया। BSE का शेयर आज 5,000 रुपये पर खुला, पिछले बंद 4,684 रुपये के मुकाबले। कारोबारी सत्र में इसका अधिकतम मूल्य 5,519 रुपये था। 52 वीक में इस शेयर का सर्वोच्च मूल्य 6,133 रुपये है। 52 वीक लो का मूल्य 2,115 रुपये है। शेयर में उछाल से कंपनी का मार्केट कैप 72,986,81 करोड़ रुपये हो गया है।

तेजी का क्या कारण है?

NSSE बीएसई शेयर में इस तेजी का कारण है। सिक्यूरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI), जो शेयर बाजार को नियंत्रित करता है, ने डेरिवेटिव एक्सपायरी शेड्यूल को प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव दिया था। नतीजतन, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को वीकली एक्सपायरी डे को बदलने की अपनी योजना को रोकना पड़ा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे बीएसई को बाजार हिस्सेदारी खोने से बचाया जा सकेगा। 27 मार्च को सेबी ने एक सर्कुलर जारी करके इक्विटी डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी को मंगलवार या गुरुवार तक सीमित करने का प्रस्ताव दिया था।

बीएसई को राहत मिलेगी

BSE के इक्विटी डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट फिलहाल मंगलवार को समाप्त होता है, जबकि NSSE ने अप्रैल 2025 से सोमवार को अपनी एक्सपायरी रखने की योजना बनाई थी, जो अब अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गया है। इससे BSE का वॉल्यूम नुकसान कम होगा और BSE की बाजार हिस्सेदारी बनी रहेगी।

बोनस शेयर

इसके अलावा, बीएसई बोर्ड 30 मार्च को बोनस शेयर अलॉटमेंट पर चर्चा करेगा। इससे बीएसई शेयरों में भारी खरीदारी हुई। गुरुवार को भी इस शेयर में भारी वृद्धि हुई। गुरुवार को यह शेयर 5% बढ़ा। कंपनियां अक्सर रिटेल इन्वेस्टर्स को लुभाने के लिए बोनस शेयर जारी करती हैं, जिससे स्टॉक लिक्विडिटी बढ़ जाए और शेयर की कीमत कम हो जाए।

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