Chaitra Navratri 2025: नवरात्रि के नो दिन के लिए नो रंग, कौन-सा रंग किस दिन है शुभ, जानिए
Chaitra Navratri 2025: नवरात्रि के नौ दिनों में प्रत्येक दिन का शुभ रंग विशेष महत्व रखता है। देवी की कृपा और सकारात्मक ऊर्जा इन रंगों से आकर्षित होती है। ग्रहों को सही रंग देने से उनकी एकता बनी रहती है।
Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्रि एक पवित्र अवधि है, जो हिंदू नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। यह पर्व नौ दिनों तक चलता है और इसमें देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। हर दिन एक विशेष देवी की पूजा की जाती है और उनका रंग शुभ होता है। माना जाता है कि नवरात्रि के दौरान हर दिन विशेष रंग के वस्त्र पहनने या घर और मंदिर को उन रंगों से सजाने से सकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है, जिससे आपको देवी की कृपा मिलती है। आप भी इस पावन उत्सव में शामिल हो सकते हैं और शुभ रंगों से अपने घर को सजाकर आध्यात्मिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
रंगों का सही उपयोग कैसे करें?
- हर दिन निर्धारित रंग के वस्त्र पहनें।
- ग्रहों को प्रसन्न करने के लिए विशिष्ट मंत्रों का जाप करें।
- घर में देवी की पूजा करते समय उन्हीं रंगों के फूल और कपड़े लगाएं।
- सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए योग करें और ध्यान दें।
नवरात्रि के नवग्रहों के नवग्रहों का ज्योतिषीय महत्व:
पहला दिन- नारंगी रंग (30 मार्च 2025): नवरात्रि का पहला दिन शैलपुत्री की पूजा की जाती है। इस दिन नारंगी कपड़े पहनना शुभ है क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा और नई शुरुआत का प्रतीक है। यह मंगल ग्रह का प्रतीक है, जो ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक है।
दूसरा दिन- सफेद रंग (द्वितीया 31 मार्च 2025): नवरात्रि के दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। आज सफेद रंग शांति, पवित्रता और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। यह रंग चंद्रमा से जुड़ा हुआ है, जो पवित्रता और शांति को दर्शाता है।
तीसरा दिन- लाल रंग (तृतीया 1 अप्रैल 2025): तीसरे दिन चंद्रघंटा की पूजा होती है। यह दिन विशेष महत्वपूर्ण है क्योंकि लाल रंग भक्ति, शक्ति और साहस का प्रतीक है। यह रंग शनि ग्रह से संबंधित है, इसलिए यह स्थिरता और भरोसा बढ़ाता है।
चौथा दिन – रॉयल ब्लू रंग (2 अप्रैल 2025): नवरात्रि के चौथे दिन कूष्मांडा देवता की पूजा की जाती है। इस दिन रॉयल ब्लू पहनना स्थिरता, गहरी सोच और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक है। यह रंग बृहस्पति से संबंधित है, जो ज्ञान और बुद्धि को बढ़ाता है।
पांचवां दिन – पीला रंग (पंचमी 3 अप्रैल 2025): पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा होती है। इस दिन पीला रंग पहनना शुभ माना जाता है क्योंकि यह ज्ञान, आशा और खुशी का प्रतीक है। यह रंग बुध ग्रह का प्रतीक है, जो सौभाग्य और सुख का प्रतीक है।
छठा दिन – हरा रंग (षष्ठी (4 अप्रैल 2025): नवरात्रि के छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है। इस दिन हरा रंग नई ऊर्जा, समृद्धि और प्रकृति से जुड़ाव का प्रतीक है।
यह रंग राहु ग्रह से संबंधित है, इसलिए नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है।
सातवां दिन – ग्रे रंग (सप्तमी 5 अप्रैल 2025): कालरात्रि की पूजा नवरात्रि के सातवें दिन की जाती है। ग्रे रंग को इस दिन शुभ मानते हैं क्योंकि यह साहस और शक्ति का प्रतीक है। सूर्य से जुड़ा रंग आध्यात्मिकता और आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
आठवां दिन – बैंगनी रंग (अष्टमी 7 अप्रैल 2025): आठवें दिन महालक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन बैंगनी पहनने से भव्यता, शांति और आध्यात्मिक सुधार मिलता है।
यह रंग शुक्र ग्रह से संबंधित है और प्रेम और सौंदर्य का प्रतीक है।
नौवां दिन – मोर हरा रंग (नवमी 8 अप्रैल 2025): राम नवमी, नवरात्र का अंतिम दिन, देवी सिद्धिदात्री को समर्पित है। यह दिन शुभ है क्योंकि मोर हरा रंग सुंदरता, समृद्धि और सकारात्मकता का प्रतीक है। यह रंग केतु से संबंधित है, जो आत्मिक उन्नति और दिव्यता प्रदान करता है।
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