
सभी आवश्यक तैयारियां जरासंध की सुंदर प्रतिमा के अनावरण के लिए पूरी हो चुकी हैं। 27 नवंबर 2022 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जरासंध स्मारक बनाने का ऐलान किया था।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महाभारत काल के महान योद्धा जरासंध की प्रतिमा का अनावरण किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्मारक, नव निर्मित पक्षीशाला का उद्घाटन भी करेंगे। इसलिए जरासंध स्मारक स्थल को रंग-बिरंगे फूलों और पौधों से सजाया गया है।
जरासंध स्मृति पार्क में मगध सम्राट की प्रतिमा, जो 11 फीट ऊंची है, एक पेडेस्टल पर खड़ी है। ब्रास मेटल से बना स्मारक आकर्षक है। 14.83 करोड़ रुपये की लागत से जरासंध स्मृति पार्क बनाया गया है। 27 नवंबर 2022 को, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंगा जल आपूर्ति योजना का शुभारंभ करते हुए जरासंध स्मारक बनाने की घोषणा की। जेपी उद्यान के निकट जरासंध स्मारक बनाया गया है।
जरासंध का इतिहास क्या है?
महाभारत काल में जरासंध बहुत शक्तिशाली योद्धा थे। जिनसे संघर्ष करना मौत को आमंत्रित करने के समान था। एक कहानी कहती है कि राजा बृहद्रथ को संतान चाहिए थी, इसलिए उन्होंने ऋषि चंडकौशिक से एक फल माँगा, जिसे उन्होंने खुशी से दिया। जो राजा बृहद्रथ से पत्नी को भोजन देने के लिए कहा गया था। राजा बृहद्रथ ने अपनी दो पत्नियों को आधा-आधा फल खिलाया। दोनों पत्नियों ने समय पर आधा शरीर वाले बच्चे को जन्म दिया। राजा ने भयभीत होकर दोनों बच्चों को जंगल में फिंकवा दिया।
इसी बीच जंगल से जरा नाम का राक्षस निकला। बालक रोने लगा जब उसने दोनों बच्चों के शरीर के हिस्सों को एक साथ रखा। यह जानकर राजा अपनी दोनों रानियों के साथ राक्षसी के पास गए और उसे धन्यवाद दिया। राजा बृहद्रथ ने जरा राक्षसी की कृपा से अपने पुत्र को जरासंध नाम दिया।
स्मारक जारासंध की विरासत को समर्पित है
सभी आवश्यक तैयारियां जरासंध की सुंदर प्रतिमा के अनावरण के लिए पूरी हो चुकी हैं। यह स्मारक जरासंध की विरासत का सम्मान करता है। जरासंध स्मारक परिसर में भित्ति चित्र जरासंध के जन्म से मल युद्ध तक की घटनाओं को चित्रित करते हैं। ताकि देश-विदेश के पर्यटक राजगीर के गौरवशाली इतिहास और सांस्कृतिक धरोहरों से परिचित हो सकें। स्मारक नई पीढ़ी को भारत का इतिहास, संस्कृति और परंपराओं से जोड़ सकता है।
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