मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पर्यटन और तीर्थयात्रा में अंतर है। यही कारण है कि चारधाम यात्रा की परंपराओं का पालन करना चाहिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनकी सरकार लिव इन रिलेशनशिप (राज्य में लागू समान नागरिक संहिता) पर पीछे नहीं हटेगी। अन्यथा, सुझावों का स्वागत करेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 2022 के चुनाव में हमने प्रदेश की जनता को वचन दिया था कि अगर भाजपा सरकार बनती है तो राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लागू करेंगे। हमने अपना वादा निभाया। उन्होंने लिव इन रिलेशनशिप के विरोध पर कहा कि यह निश्चित रूप से हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं है। लेकिन यह मुद्दा उच्चतम न्यायालय में कई बार आया है।
हम लोकतांत्रिक मूल्यों पर विश्वास करते हैं। लिव इन रिलेशनशिप पर किसी भी सुझाव का स्वागत करेंगे। लेकिन सरकार अब इसे नहीं छोड़ेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा पर रील कल्चर पर रोक से संबंधित प्रश्न पर कहा कि तीर्थयात्रा और पर्यटन के बीच की अंतर को समझना होगा।
बैकफुट पर नहीं जाएंगे: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
चार धाम की यात्रा सिर्फ यात्रा होनी चाहिए। यात्रा के नियम हमारे पूर्वजों से हैं। इसे यात्रा धर्म कहा जाता है। पुराने नियमों का पालन करना देश और दुनिया को गलत सन्देश देता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 2013 की आपदा के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने केदारनाथ में पुनर्निर्माण का काम किया।
केदारनाथ को भव्य और सुंदर बनाने में इकोलॉजी का पूरा ध्यान रखा गया था। हमारी सरकार का विकास इकॉनमी और अर्थशास्त्र में संतुलन से प्रेरित है। धामों को धारण करने की अपनी क्षमता है। यही कारण है कि हम भीड़ के दबाव को नियंत्रित करने के लिए आसपास के क्षेत्रों में नए स्थान बना रहे हैं। अब उनके रिश्ते में रिकॉर्ड है। कोई परिवर्तन नहीं होगा। बैकफुट नहीं जाएगा। सलाह देंगे।
राज्य के सामने सबसे बड़ी चुनौती हैं आपदाएं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य के सामने सबसे बड़ी चुनौती आपदाएं हैं। यहां अक्सर बादल फटने, भूस्खलन और हिमस्खलन होते हैं। सिलक्यारा टनल दुर्घटना पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन, संवेदनशीलता और सहयोग से अभियान सफल हुआ। आज वैज्ञानिक इसे खोज रहे हैं।
हम कानून का पालन करेंगे, इसलिए विरोध नहीं करेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देश-दुनिया के लोग देवभूमि को श्रद्धा और आस्था से देखते हैं। यही कारण है कि राज्य में किसी भी तरह का अतिक्रमण सही नहीं है। अतिक्रमण हटाने का अभियान जारी रहेगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम अवैध मदरसों और मजारों के खिलाफ छेड़े गए अभियान का विरोध नहीं करते क्योंकि हम कानून का पालन करते हैं। राज्य में होने वाली हर कार्रवाई और अभियान कानून के अधीन होती है। बहुत से स्थानों पर सरकारी जमीन पर अवैध मजारें बनाई गईं। हमने इस जमीन जिहाद के खिलाफ अभियान चलाया। करीब छह हजार एकड़ सरकारी जमीन अतिक्रमण से बच गई। मदरसों में पढ़ने वालों की पहचान राज्य में छुपाई जाती थी। जहां भी मदरसे अवैध पाए गए, वे बंद कर दिए गए। हमारा मानना है कि देवभूमि अच्छी होनी चाहिए।
राज्य में भी वक्फ कानून लागू होंगे
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देवभूमि की सांस्कृतिक पहचान और डेमोग्राफी को बचाने के लिए हमने जांच अभियान चलाया। यूसीसी लागू किया भूमि जिहाद को रोका जाना चाहिए। जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए कठोर नियम बनाए गए। उत्तराखंड में भी वक्फ कानून लागू होंगे।
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