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मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विधायक दल की बैठक का वातावरण बताते हुए कहा, ‘मैं नर्वस थी कि अगर सीएम…’

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि विधायक दल की बैठक से पहले मुझे कोई फोन नहीं आया था, लोग कयास लगा रहे थे कि सीएम कौन होगा, लेकिन मुझे जो भी जानकारी मिली, वह बैठक में ही मिली।

भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली की सत्ता को एक लंबे अंतराल के बाद फिर से हासिल किया है। अब राष्ट्रीय राजधानी की रेखा गुप्ता सरकार ने अपना पहला बजट प्रस्तुत किया है। इस बीच, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि बीजेपी की विधायक दल की बैठक में क्या माहौल था और उन्हें किसने बताया कि वे दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री बनने वाली हैं।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, “जिस दिन ये घोषणा होनी थी, उस दिन शाम को विधायक दल की बैठक बुलाई गई और उस बैठक में तय होना था कि कौन विधायक दल का नेता होगा और जो विधायक दल का नेता चुना जाता वहीं सीएम भी होता।” तो उस बैठक में मेरे बगल में एक विधायक बैठे थे, उन्होंने बताया कि फोन आया होगा। मैंने कहा कि फोन नहीं आया।”

बैठक के दिन वातावरण कैसा था?

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, “फिर उन्होंने कहा झूठी, तो मैंने बोला सच मुझे कोई फोन नहीं आया।” उन्होंने बताया कि किसको फोन आया होगा। जिस व्यक्ति के चेहरे पर स्माइल होगी, उसी को फोन आया होगा। इसके बाद मैं एक सीनियर लीडर से मिली तो उनसे कहा सर घबराहट हो रही है. उन्होंने कहा क्यों? तो मैंने कहा पता नहीं क्या होने वाला है। उन्होंने कहा कि कोई बात नहीं, अगर नहीं होगा तो कोई समस्या नहीं होगी, जो भी होगा अच्छा होगा। मैंने कहा कि सर, ये समस्या नहीं है। फिर क्या परेशानी है?”

“मैंने कहा अगर सीएम बन गई तो क्या होगा?। मैंने कहा कि अगर मैं विधायक बन गई तो भी काम ठीक से होगा, अगर मैं मंत्री बन गई तो काम कर लूंगी, लेकिन मैं नर्वस हूँ कि अगर मैं सीएम बन गई तो क्या करूंगी। हालाँकि मुझे कोई फोन नहीं आया था और लोगों ने विभिन्न संदेह लगाए थे, लेकिन मुझे जो भी जानकारी मिली वो बैठक में ही मिली।”

सीएम आवास पर रेखा गुप्ता का भाषण

रेखा गुप्ता ने सीएम हाउस को लेकर कहा, “हां, उस शीशमहल में न जाने का कारण है। अलग बात यह है कि मैं अपने घर के बाहर सामने की सड़क पर ऑफिस चला रही हूँ और अब तक घर नहीं मिला है। गली में कुर्सी पर बैठकर लोगों से मिलती हूँ। मुझे ऐसा फील होता है कि उस घर के अंदर जो करोड़ों रुपये खर्च करके मलमल का बिस्तर तैयार हुआ है उसपर किसी मुख्यमंत्री को लेटने का अधिकार नहीं है।”

रेखा गुप्ता ने कहा, “उसकी जगह उनके लिए करोड़ों घर बन सकते थे, जो आज भी फ्लाईओवर के नीचे सो रहे हैं, जो लोग झुग्गी में रहे हैं, वह उनके अधिकार का पैसा था जिससे वह शीशमहल बना।” यद्यपि आप लाखों रुपये का टॉयलेट उपयोग कर रहे हैं, हमारे दिल्ली में हजारों लोगों को शौचालय नहीं है। दिल्ली का स्लम एरिया इतना बड़ा है, क्या इसके विकास पर इन लोगों ने कुछ सोचा? भाई हो तो अरविंद केजरीवाल जैसा।”

उन्होंने कहा, “ऐसा भाई जो बहनों के घरों को शराब से भर दे ताकि उसका पति शराब पी कर घर में झगड़ा और मारपीट करे”। सरकार को बताओ कि किसी गरीब की झुग्गी में आज तक पानी, नाली, सड़क, झूले, टॉयलेट और शिशुवाटिका दी गई है। क्योंकि झुग्गियों में व्यवस्था नहीं है, आज भी बहन-बेटियों को खुले में नहाना पड़ता है। कांग्रेसियों ने भी बस कैम्पों का नाम दिया है। दोनों पार्टियों ने उनका विकास नहीं किया।”

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