मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रमजान के अंतिम जुमा के लिए अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए, कहा-संवेदनशील क्षेत्रों में..।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धार्मिक कार्यक्रमों से सड़कों को बाधित नहीं किया जाएगा। सोशल मीडिया के माध्यम से अलर्ट रहें। लोगों को सकारात्मक संदेशों से परिचित करें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आगामी पर्वों और त्योहारों को देखते हुए कानून व्यवस्था की समीक्षा की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चैत्र नवरात्र, रामनवमी, ईद-उल-फितर और बैसाखी आने वाले हैं। केंद्र सरकार और राज्य में पिछले 10 वर्षों में सभी धर्मों के पर्व-त्योहार शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण माहौल में सम्पन्न हुए हैं। इस प्रक्रिया को आगे भी जारी रखना चाहिए। परंपरा का पालन करें। भ्रष्टाचार फैलाने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्सवों के दौरान कई स्थानों पर शोभायात्राएं और मेले आदि होंगे। कानून-व्यवस्था के लिए यह ऐतिहासिक उत्सव महत्वपूर्ण है। इसलिए हमें लगातार सावधान रहना होगा। विवादास्पद बयान देने वालों को जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ कड़ाई से पेश आया जाए। अलविदा की नमाज के दौरान विशेष सावधानी बरतें। ईद पर पर्याप्त साफ-सफाई, स्वच्छता और पेयजल की व्यवस्था करें।
अपराध के बारे में शक करने वालों पर नजर रखें
उनका कहना था कि धार्मिक कार्यक्रमों से सड़क मार्ग नहीं बाधित होना चाहिए। संवेदनशील क्षेत्रों को चिह्नित करते हुए अधिक पुलिस बल लगाया जाए। पुलिस की फुट पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए तथा PRV 112 एक्टिव रहे। सोशल मीडिया के माध्यम से अलर्ट रहें। लोगों को सकारात्मक संदेशों से परिचित करें। पीस कमेटी की बैठक होनी चाहिए। अप्रिय घटनाओं को संभालने में त्वरित कार्रवाई और संवाद-संपर्क फायदेमंद हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि थाना, सर्किल, जिला, रेंज, जोन और मंडल स्तर पर तैनात वरिष्ठ अधिकारीगण अपने-अपने क्षेत्र के धर्मगुरुओं और समाज के अन्य महत्वपूर्ण लोगों से चर्चा करें। पुलिस प्रशासन को अलर्ट रहना चाहिए क्योंकि छोटी-छोटी अफवाह माहौल को खराब कर सकती हैं। गोतस्करी और अन्य संबंधित अपराधों पर नजर रखें।
उनका कहना था कि श्रीरामनवमी पर अयोध्या, चैत्र नवरात्र पर मां विंध्यवासिनी धाम, देवीपाटन धाम, सहारनपुर में मां शाकुम्भरी धाम और सीतापुर में भी बहुत से लोग आएंगे। इन महत्वपूर्ण उत्सवों को आयोजित करना सुशासन और व्यवस्था का उदाहरण बनना चाहिए। बेहतर भीड़ प्रबंधन होना चाहिए। महत्वपूर्ण स्थानों पर सुंदर साज-सज्जा होनी चाहिए। तेज गर्मी में लोगों की सुविधा के लिए पेयजल, छाजन, मैट और अन्य सुविधाओं की अच्छी व्यवस्था हो। देवीस्थलों पर महिला पुलिसकर्मियों को अलग से तैनात किया जाए।
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