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कैलाश गहलोत के इस्तीफे के बाद CM Atishi को जिम्मेदारी मिल सकती है

CM Atishi: दिल्ली की राजनीति में एक नवीन बदलाव

CM Atishi: आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता कैलाश गहलोत ने अपने अप्रत्याशित इस्तीफे की घोषणा की, जो दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर पैदा कर गया। गहलोत ने दिल्ली सरकार के सभी विभागों से इस्तीफा दे दिया और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी छोड़ दी। दिल्ली की राजनीति में इस घटनाक्रम ने हलचल मचा दी है, और अब सवाल उठ रहा है कि उनके इस्तीफे के बाद उनके मंत्रालयों का भार कौन उठाएगा।

कैलाश गहलोत का इस्तीफा और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप

गहलोत का इस्तीफा सरकार और पार्टी के अंदरूनी विवादों का परिणाम है। इस्तीफे से पहले, उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर कई गंभीर आरोप लगाए। गहलोत ने कहा कि दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी का अधिकांश समय केंद्र सरकार से बहस करने में बिताया जाता है। उनका कहना है कि इससे जनता से किए गए वादे अधूरे रह जाते हैं और विकास कार्यों में कोई वास्तविक प्रगति नहीं हो पाती है। गहलोत ने कहा कि सरकार का ध्यान केंद्र से आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति पर रहता है, जिससे जनहित के कामों में कोई सुधार नहीं हो रहा है।

यमुना सफाई का भी प्रश्न उठाया

गहलोत ने अपने पत्र में दिल्ली की यमुना नदी की सफाई की चिंता भी उठाई। उनका कहना था कि दिल्ली सरकार ने यमुना सफाई को लेकर किए गए वादे अभी तक नहीं पूरे किए हैं। गहलोत ने कहा कि पिछले दस वर्षों में सरकार ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिससे यमुना का प्रदूषण दिन-प्रतिदिन बढ़ा है। गहलोत ने इसे अपनी पार्टी की बड़ी विफलता बताया, इसलिए यह मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण था।

आतिशी की जिम्मेदारी बढ़ेगी

अब कैलाश गहलोत के इस्तीफे के बाद उनके मंत्रालयों को कौन संभालेगा? सूत्रों के अनुसार, दिल्ली सरकार में शिक्षा, ऊर्जा, स्वास्थ्य, महिला और बाल कल्याण, पर्यावरण सहित कई विभागों  जिम्मेदारी वर्तमान में आतिशी मार्लेना के पास है। आतिशी को दिल्ली सरकार में हाल ही में एक प्रमुख मंत्री के रूप में देखा जा रहा है, जहां वे पहले ही 13 विभागों का नेतृत्व कर रहे हैं। कैलाश गहलोत के इस्तीफे के बाद आतिशी को कुछ और काम करना होगा। पार्टी में चर्चा है कि उन्हें गहलोत के विभागों की जिम्मेदारी दी जा सकती है, जो उनके कार्यभार को बढ़ा देगा।

आम आदमी पार्टी के सामने आई यह नवीन चुनौती

आम आदमी पार्टी को गहलोत का इस्तीफा बहुत बुरा लगा है। यह घटना पार्टी की साख और नेतृत्व पर सवाल उठाएगी और दिल्ली की राजनीति में भी हलचल पैदा करेगी। विशेष रूप से जब गहलोत ने सरकार और पार्टी के कार्यों पर प्रश्न उठाए हैं। पार्टी में चल रहे विवादों को इस इस्तीफे ने और भी बढ़ा दिया है। पार्टी के प्रवक्ता ने गहलोत के इस्तीफे को व्यक्तिगत फैसला बताया और कहा कि पार्टी इस मामले पर उचित समय पर प्रतिक्रिया देगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गहलोत के आरोपों पर कोई स्पष्ट टिप्पणी नहीं की है, लेकिन पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने पार्टी को एकजुट करने की बात की है।

दिल्ली की राजनीति में एक परिवर्तन

कैलाश गहलोत के इस्तीफे के बाद आम आदमी पार्टी को अपनी आंतरिक राजनीति और नेतृत्व पर पुनर्विचार करना होगा। पार्टी का अगला निर्णय इसलिए दिलचस्प होगा। क्या आतिशी को गहलोत मंत्रालयों की जिम्मेदारी दी जाएगी या पार्टी किसी अन्य नेता को इस पद पर नियुक्त करेगी? हम भी देखेंगे कि गहलोत के आरोपों का पार्टी पर क्या प्रभाव है और क्या सरकार अपनी व्यवस्था को सुधारने की कोशिश करती है। गहलोत के इस्तीफे से दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है, और आने वाले दिनों में इस घटनाक्रम से दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी की राजनीतिक रणनीतियां प्रभावित होंगी।

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