GIS शुभारंभ सत्र में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में हर तरह की अनुकूलता और अच्छे मानव संसाधन हैं। IT क्षेत्र में भी बहुत प्रगति हुई है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल में पहली बार आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में कहा कि राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में प्रदेश के निरंतर विकास और औद्योगिक निवेश की दिशा में नए कदम उठाए हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की थीम “अनंत संभावनाएँ” है, जो प्रदेश में उद्योग और निवेश की अनंत संभावनाओं को दर्शाती है। “अनंत संभावनाएं” एकमात्र विचार नहीं है; यह मध्यप्रदेश के हर क्षेत्र में अवसरों की व्यापकता को दिखाता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने “सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास, सबका विश्वास” का मंत्र दिया, जिसमें यह संदेश है कि जब हम साथ मिलकर आशा की ज्योति जलाते हैं, तो सभी के आंगन रोशन होते हैं, और यही हमारी सनातन संस्कृति है। भारतवासियों ने प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में देश को 2047 तक विकसित करने का लक्ष्य लिया है. इसका लक्ष्य 35 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है। विकसित मध्यप्रदेश सभी प्रदेशवासियों के साथ मिलकर विकसित भारत के इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी तरह, अगले पांच वर्षों में राज्य की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने का लक्ष्य राज्य सरकार ने रखा है।
डूइंग बिजनेस और बाधारहित व्यवसाय हमारी पहली प्राथमिकता हैं: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि एक वर्ष पहले, बाबा महाकाल के आशीर्वाद से निवेश और औद्योगिक विकास की यात्रा मार्च 2024 में उज्जैन से शुरू हुई। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव और देश के प्रमुख शहरों में इंटरैक्टिव सेशंस इस यात्रा में आयोजित किए गए। ब्रिटेन, जर्मनी, जापान और यूके में मध्यप्रदेश की विकास गाथा को प्रस्तुत किया गया और उद्योगपतियों से बातचीत करके उनकी आवश्यकताओं और संभावित चुनौतियों को समझाकर निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक रोडमैप बनाया गया। हमारी पहली प्राथमिकता सरलीकृत व्यापार और बाधारहित व्यवसाय, सिंगल विंडो सिस्टम को बेहतर बनाना, निवेश अनुकूल, प्रासंगिक नीतियों का प्रभावी क्रियान्वयन और शासन में पारदर्शिता लाना है। सरकार ने वर्ष 2025 को “उद्योग एवं रोजगार वर्ष” के रूप में मनाने का फैसला किया है ताकि प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने की कोशिश की जा सके।
प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए उपयुक्त इकोसिस्टम बनाया जा रहा है
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में पहली बार छह विभागों (शहर विकास, पर्यटन, खनिज, नवीकरणीय ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी और एमएसएमई) के अलग से समिट होंगे, जिससे व्यापार और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। किसी भी राज्य में उद्योगीकरण के लिए चार मूलभूत संसाधनों की आवश्यकता होती है: जमीन, जल, बिजली और सक्षम कर्मचारी। प्रदेश में पर्याप्त बिजली, पर्याप्त पानी, बड़े जमीन बैंक और सक्षम मानव संसाधन हैं। यहां की कानून-व्यवस्था भी निवेश के लिए अच्छी है। साथ ही, राज्य सरकार प्रतिबद्ध है कि राज्य में उद्योगों का निर्माण किया जाए, ताकि नवीन निवेशों को आकर्षित करना आसान, प्रभावी और त्वरित हो सके, और औद्योगिक विकास के लिए अनुकूल इकोसिस्टम बनाया जा सके।
प्रदेश में सभी के लिए अनंत संभावनाएं
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश बड़े राज्यों में सकल राज्य घरेलु उत्पाद (GSDP) में सर्वाधिक वार्षिक विकास दर रखता है। मध्यप्रदेश का सकल घरेलु उत्पाद पिछले बारह वर्षों में लगभग चार गुना बढ़ा है। कई बड़े परियोजनाओं, जिनमें मोहासा-बावई में नवकरणीय ऊर्जा उपकरण निर्माण, मुरैना में मेगा फुटवेयर क्लस्टर और धार में पीएम मित्रा पार्क (MITRA) हैं, अभी भी प्रगति पर हैं। विक्रम उद्योगपुरी (उज्जैन) में मेडिकल डिवाइसेस पार्क और छह नए औद्योगिक क्षेत्रों का निर्माण हो रहा है। राज्य में 300 से अधिक औद्योगिक क्षेत्र हैं। 13 नए औद्योगिक पार्क इस वर्ष पूरे होंगे और 20 और आधारशिला रखी जाएगी। प्ले एंड प्ले सेंटर, सेमीकंडक्टर पार्क और नवीन आईटी पार्क की स्थापना से राज्य में निवेश आकर्षित होगा और नए रोजगार के अवसर खुलेंगे। हम भी बड़े से छोटे निवेशकों को स्वागत करते हैं। प्रदेश में सभी के लिए अनंत संभावनाएं हैं। राज्य सरकार इन अनन्त संभावनाओं को विकास में फलीभूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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