
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने गैर संचारी बीमारियों से बचने के लिए जीवन शैली में बदलाव करने और स्थानीय खाद्य पदार्थों (मिलेट्स) का अधिक से अधिक इस्तेमाल करने पर जोर दिया।
झारखंड विधानसभा में मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने यूनिसेफ की ओर से आयोजित “राउंड टेबल ऑन प्रीवेंटिंग चाइल्डहुड नॉन कम्युनिकेबल डिसीज थ्रू हेल्दी डाइट्स” पर एक कार्यक्रम को संबोधित किया।
डायबिटीज, कैंसर, हृदय रोग और अस्थमा जैसी कई गैर संचारी बीमारियां (नॉन कम्युनिकेबल डिजीज) आज तेजी से फैल रही हैं, जो जीवन शैली में बदलाव, रहन-सहन, खान-पान, पर्यावरण और जेनेटिक कारणों से होती हैं। कमोबेश हर घर में ऐसी बीमारियां देखने को मिल रही हैं। अगर हम सभी लोग अपने स्वास्थ्य की देखभाल नहीं करते, इसलिए ऐसी बीमारियां हमारी जिंदगी को खतरा बना सकती हैं।
जीवन शैली में बदलाव लाना आवश्यक है
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि कैंसर और हृदय रोग जैसी गैर संचारी बीमारियों से बचने के लिए जीवन शैली में बदलाव लाने, हेल्दी भोजन और अधिक शारीरिक गतिविधियों (फिजिकल एक्टिविटीज) पर फोकस करना चाहिए। लापरवाही से आगे चलकर ऐसी बीमारियों के इलाज में काफी खर्च करना पड़ सकता है, वहीं पूर्ण स्वस्थ होने की गारंटी भी नहीं हो सकती।
स्वास्थ्य रिपोर्ट कार्ड बनाने पर जोर
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि आज कई बीमारियां बहुत जल्दी फैल रही हैं। ये बीमारियां किसे और कैसे फैलती हैं, इसकी पूरी जानकारी होनी चाहिए। इसके लिए राज्य स्तर पर स्वास्थ्य रिपोर्ट कार्ड बनाने पर विशेष जोर दिया जाता है, ताकि बीमारी का पर्याप्त उपचार किया जा सके। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को आधुनिक और बेहतर बनाने के लिए हमारी सरकार लगातार काम कर रही है, ताकि लोगों को उनकी बीमारी की पहचान करने के साथ उन्हें उचित इलाज मिल सके।
राज्य में अलग-अलग बीमारियां हैं
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि राज्य में कई स्थान हैं जहां लोगों में विशेष बीमारियां अधिक होती हैं। सिमडेगा जैसे जिलों में एनीमिया और सिकल सेल की बीमारियां आम हैं, लेकिन साहिबगंज और संथाल के क्षेत्रों में कालाजार का प्रभाव अधिक है। और भी कई बीमारियां हैं, जो इस क्षेत्र में लोगों को विशेष रूप से प्रभावित करती हैं। सरकार ऐसे क्षेत्रों और बीमारियों को चिन्हित कर उनका इलाज कर रही है, ताकि लोगों और उनकी आने वाली पीढियों को इन बीमारियों से बचाया जा सके।
अपने खान-पान में मिलेट्स का करें उपयोग, जंक फूड्स से रहें दूर
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि आज नई-नई बीमारियां लोगों को तेजी से पकड़ रही हैं। हमारा भोजन कभी-कभी इसकी सबसे बड़ी वजह है। आज बच्चों का अधिक जंक फूड का इस्तेमाल उन्हें बीमार बना रहा है और उन्हें कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। हम अपने भोजन में स्थानीय इंडिजिनस भोजन, या मिलेट्स, शामिल करना चाहिए अगर हम स्वस्थ रहना चाहते हैं। बच्चों को जंक फूड्स की जगह स्वस्थ भोजन दें। आज हमें अपने खाद्य हैबिट्स में बदलाव लाना अत्यंत आवश्यक है।
जन्मजात बीमारियों की जांच और उपचार की व्यवस्था होनी चाहिए
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि बहुत से बच्चों को जन्म के साथ कई बीमारियां होती हैं। बच्चे की स्थिति बहुत खराब हो सकती है अगर बीमारियों का समय पर इलाज नहीं किया जाता है। यही कारण है कि नवजात को किसी भी बीमारी का तुरंत सही इलाज मिलना चाहिए। रोगों से बच्चों को बचाने के लिए भी हमारी सरकार ने कई ठोस कदम उठाए हैं।
यूनिसेफ जैसे संगठनों की भागीदारी बहुत सराहनीय है।
मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि यूनिसेफ जैसी संस्थाओं ने झारखंड के दूर-दराज के गरीब गाँवों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आज राज्य सरकार हर व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाओं के साथ मिलकर काम करती है। हम चाहते हैं कि स्वयंसेवी संस्थाएं भी जंगलों, पहाड़ों, तलहटी और सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रहने वालों को अच्छी चिकित्सा सुविधाएं दे सकें। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार कई बीमारियों को दूर करने के लिए लगातार काम कर रही है और इसके सकारात्मक परिणाम भी मिल रहे हैं।
मंत्री श्री योगेंद्र महतो, मंत्री श्री सुदिव्य कुमार, विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन, यूनिसेफ की श्रीमती आस्था अलंग, डॉ. कनीनिका मित्रा और अन्य लोग इस अवसर पर उपस्थित थे।
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