मुख्यमंत्री मोहन यादव: ‘माधव नेशनल पार्क मध्य प्रदेश का 9वां टाइगर रिजर्व बनेगा।

एमपी के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि राज्य वन्यजीव संरक्षण में नए कीर्तिमान बना रहा है। जल्द ही माधव टाइगर अभयारण्य राज्य का नवौं टाइगर रिज़र्व बन जाएगा।
चंबल प्रदेश में एक नया टाइगर रिजर्व बनने वाला है। माधव टाइगर रिजर्व राज्य का नवौं टाइगर रिजर्व बन जाएगा। इस मामले में सभी आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी की गई हैं। राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने महत्वपूर्ण सूचना दी है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि राज्य वन्यजीव संरक्षण में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। चंबल अंचल में वन्यजीवों को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही माधव टाइगर अभयारण्य राज्य का नवौं टाइगर रिज़र्व बनेगा।उन्होंने बताया कि हमने कूनो नेशनल पार्क में पांच चीते छोड़ दिए हैं। उनमें से तीन मध्य प्रदेश में पैदा हुए हैं।
मध्यप्रदेश, वन्यजीव संरक्षण में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।
माधव टाइगर अभयारण्य जल्द ही राज्य का 9वां टाइगर रिज़र्व बनेगा, जिससे चंबल अंचल में वन्यजीवों की समृद्धि बढ़ेगी।
कल कूनो में 5 और चीते छोड़े गए हैं। यह गर्व की बात है कि पहले छोड़े गए चीते न केवल शिकार कर रहे हैं,… pic.twitter.com/axxyfSYUwY
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) February 6, 2025
मध्यप्रदेश ने वन्यजीव संरक्षण में नए कीर्तिमान बनाए हैं।
चंबल क्षेत्र में वन्यजीवों की स्थिति में सुधार होगा, जब जल्द ही माधव टाइगर अभयारण्य राज्य का नवौं टाइगर रिज़र्व बन जाएगा।
कूनो में पांच अतिरिक्त चीते छोड़े गए: मुख्यमंत्री मोहन यादव
“कल कूनो में 5 और चीते छोड़े गए हैं,” उन्होंने एक वीडियो पोस्ट करते हुए बताया। यह गर्व की बात है कि पहले छोड़े गए चीते न सिर्फ शिकार करते हैं, बल्कि जंगल में विचरण भी करते हैं। चीतों में परिवार की परंपरा अच्छी बात है। समूहों में नर चीते रहते हैं। दोनों चीते मिलकर घूमते हैं।:”
प्रकृति ने हमारे क्षेत्र में एक अनूठा संतुलन बना है: मुख्यमंत्री मोहन यादव
साथ ही उन्होंने कहा, “दो मादा और तीन नर चीते जंगल में छोड़े गए हैं। धिया और आशा चीते हैं। हमारे क्षेत्र में सात चीते रहते हैं। जब लुप्तप्राय जीव फिर से हमारे बीच आते हैं, ये प्रकृति का अनूठा संतुलन हमारे क्षेत्र में है।:”
माधव टाइगर रिजर्व बनने के बाद एमपी में टाइगर रिजर्व की संख्या 9 हो जाएगी। इसे पिछले दिसंबर में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण अथॉरिटी ने टाइगर रिजर्व बनाने की अनुमति दी है। इस टाइगर रिजर्व का कोर क्षेत्र 375 वर्ग किलोमीटर होगा, जबकि बफर क्षेत्र 1276 वर्ग किलोमीटर होगा। टाइगर रिजर्व के बनने के बाद इस क्षेत्र में पर्यटन की संभावना बढ़ेगी।
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