मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि गिरफ्तार व्यक्ति की प्रभावी निगरानी के लिए फिंगरप्रिंट्स जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उनका कहना था कि कानून व्यवस्था को मजबूत करने और नए कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए आवश्यक संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी।
गृह विभाग की उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के प्रदेश में क्रियान्वयन के बारे में भाषण दिया। उनका कहना था कि राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता आम जनता की सुरक्षा और त्वरित न्याय प्रदान करना है, जिसके क्रम में राज्य सरकार ने कई नीतिगत निर्णय लिए हैं। साथ ही, राज्य बजट में 2025 से 26 तक गृह विभाग को आवश्यक संसाधन देने के लिए कई उपाय भी किए गए हैं।
शीघ्र रिक्त पदों को भरने के निर्देश
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने गृह विभाग में रिक्त पदों को शीघ्र भरने और पदोन्नति देने के निर्देश दिए ताकि पर्याप्त मानव संसाधन की व्यवस्था से राज्य के हर क्षेत्र में अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण लगाया जा सके। गृह विभाग भी आगामी वर्षों में रिक्त होने वाले पदों का पूरा विवरण बनाए, ताकि कर्मचारी सेवानिवृत्त होते ही भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा सके।
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि गृह विभाग के सभी कर्मचारियों को नए कानूनों के बारे में प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने कहा कि आपराधिक गतिविधियों से संपत्ति प्राप्त करने वाले अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, अर्थात् उनकी संपत्ति जब्त की जाए, ताकि उनके हौंसले पस्त हों। ताकि अपराधियों पर सतत् निगरानी और प्रभावी नियंत्रण रहे, उन्होंने प्रत्येक गिरफ्तार व्यक्ति के फिंगरप्रिंट लेने और ई-सम्मन की तामील करने के निर्देश दिए। नवीन कानूनों के अनुसार, पहली बार अपराध करने वाले को एक तिहाई सजा मिलने पर रिहा किया जा सकता है। ऐसे मामलों में सावधानीपूर्वक निर्णय लिया जाए।
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा को बैठक में अधिकारियों ने बताया कि केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह और केन्द्रीय गृह सचिव द्वारा गत दिनों की बैठकों में दिए गए निर्देशों के अनुसार नए कानूनों को लागू किया जा रहा है। 84 प्रतिशत से अधिक पुलिसकर्मियों को नवीन कानूनों का प्रशिक्षण मिला है, और 98.5 प्रतिशत जांच अधिकारियों को भी प्रशिक्षण मिला है। अब तक राज्य में 1 लाख 12 हजार से अधिक एफआईआर दर्ज हुई हैं, जिनमें से 75 हजार से अधिक का निस्तारण भी हुआ है। इस दौरान विधि विज्ञान प्रयोगशाला के सुदृढ़ीकरण, जीरो एफआईआर और ई-साक्ष्य के बारे में भी व्यापक चर्चा हुई।
गृह राज्य मंत्री श्री जवाहर सिंह बेढम, मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत, अतिरिक्त मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय) श्री शिखर अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री आनंद कुमार, पुलिस महानिदेशक श्री यू.आर. साहू, पुलिस महानिदेशक श्री गोविंद गुप्ता, अभियोजन, फॉरेंसिक और कारागार विभाग के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे।
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