CM Nayab Singh Saini: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि नौकरी मिली युवाओं को बाहर नहीं निकलने दिया जाएगा। अगले 100 दिन में 50 हजार भर्तियां करेंगे।
CM Nayab Singh Saini: शीर्ष न्यायालय के अतिरिक्त तथ्यों पर: सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा की बीजेपी सरकार को बड़ा झटका लगाया है। प्रदेश सरकारी नौकरियों में सामाजिक-आर्थिक आधार पर 5% बोनस अंक देने पर रोक लगा दी गई है। इस बीच, प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि गरीब युवाओं के हित में रिव्यू पिटीशन में पांच बोनस अंक देंगे।
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा, “साल 2018 से चली आ रही नीति पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है। हम इसका सम्मान करते हैं सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले से सीईटी परीक्षा पर कोई सवालिया निशान नहीं है। यदि गरीब युवाओं के हित में पांच अंकों की रिव्यू पिटीशन की आवश्यकता पड़ी तो करेंगे।:”
सीएम सैनी ने कहा कि अगले 100 दिन में 50 हजार नौकरी मिलेगी
साथ ही उन्होंने कहा, “युवाओं के हित के लिए अगर विधानसभा में बिल लेकर आना पड़ा तो वो भी लाएंगे। नौकरी मिली युवाओं को बाहर नहीं निकलने दिया जाएगा। अगले 100 दिन में 50 हजार भर्तियां करेंगे। हम ये संकल्प लेते हैं कि उसे पूरा करेंगे. हमारी सरकार गरीबों के साथ खड़ी है.’
गरीब युवाओं के हित में 5 नंबर के लिए रिव्यु पेटिशन लगाने की जरूरत पड़ी तो लगाएंगे अगर विधानसभा मे बिल लेकर आना पड़ा तो वो भी लाएंगे जिन युवाओं को नौकरी मिली है किसी को भी निकलने नहीं दिया जाएगा।
अगले 100 दिन में 50 हजार भर्तियां करेंगे। pic.twitter.com/mHlwJLsv17
— Nayab Saini (@NayabSainiBJP) June 24, 2024
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने क्या कहा?
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने आज “सामाजिक-आर्थिक” मानदंडों के आधार पर कुछ पदों पर भर्ती में हरियाणा के निवासियों को 5 प्रतिशत अतिरिक्त अंक देने को खारिज कर दिया।” इस फैसले को पहले भी पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था। उन विद्यार्थियों का अब क्या होगा? क्योंकि अगर यह प्रावधान रद्द कर दिया गया, तो उन नौकरियों को भी कोई महत्व नहीं रह जाएगा।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया. एसएससी ने 2022 की अधिसूचना को रद्द कर दिया था, जिसमें हरियाणा के लोगों को सामाजिक-आर्थिक मानदंडों पर 5 फीसदी अतिरिक्त अंक दिए गए थे।