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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तस्वीर को स्पष्ट करते हुए बताया, चुनाव से पहले बिहार में क्या राजनीतिक कार्यक्रम होंगे?

एससी-एसटी कल्याण विभाग ने संत रविदास जयंती पर पटना में कार्यक्रम का आयोजन किया, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसमें पहुंचे थे, पढ़िए उन्होंने क्या कुछ कहा है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर एनडीए के साथ हैं और रहेंगे, बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले। उनका पूरा ध्यान किसी भी राजनीतिक खेल पर है। नीतीश कुमार ने बुधवार, 12 फरवरी को रविदास जयंती के अवसर पर बापू सभागार में एक कार्यक्रम में भाग लिया, जहां उन्होंने सरकार के कार्यों की प्रशंसा की। एससी-एसटी कल्याण विभाग ने संत रविदास जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम का नाम था ‘विकास मित्रों की क्षमता विकसित करना’।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस अवसर पर संत रविदास को श्रद्धा सुमन अर्पित किया। संत रविदास ने छुआछूत और जातिवाद को समाज से बाहर कर दिया। उनकी देन भुलाया नहीं जा सकता। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एससी-एसटी समाज कल्याण विभाग को इस कार्यक्रम के लिए बधाई दी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, “संविधान बनाने वाले बाबा साहब को भी नमन करता हूं”। आपको याद रखना चाहिए कि हम वंचितों के लिए काम किया है। 2009 में हमने महादलित विकास मिशन की शुरुआत की। आज 9407 विकास सहयोगी कार्यरत हैं। आज इनका वेतन 25 हजार रुपये है। इनकी सैलरी भी हर साल पांच प्रतिशत बढ़ाई जाती है।”

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार: अटल बिहारी वाजपेयी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, “हमने उद्यमी योजना भी शुरू की जिसमें पांच लाख रुपये तक सहायता दी जा रही है।” युवा श्रम के लिए कई योजनाएं चल रही हैं। हमने अनुसूचित जाति और जनजाति के विद्यार्थियों के लिए भी स्कूल बनाए।आरजेडी पर तंज कसते हुए कहा, “पहले वाला कोई कुछ करता था?” आरजेडी ने कभी कुछ नहीं किया। एनडीए हमारे साथ है और रहेगा। हमें अटल बिहारी वाजपेयी ने बिहार का सीएम बनाया।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दोनों डिप्टी सीएम और अन्य महत्वपूर्ण नेताओं ने भाग लिया। बीजेपी इस विभाग का मालिक है। इस कार्यक्रम में दलित समाज के लोगों के अलावा विकास मित्र भी शामिल हुए। यह बताया गया कि गरीबों और दलितों के लिए सरकार ने क्या किया।

कार्यक्रम में दलित वोट बैंक

वास्तव में, इस उत्सव के बहाने चुनाव वर्ष में दलित मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया गया है। राहुल गांधी और आरजेडी भी इस वोट बैंक को देख रहे हैं। माउंटेन मैन दशरथ मांझी के बेटे भागीरथ मांझी ने राहुल गांधी को कांग्रेस में शामिल कर लिया है। चुनाव वर्ष में परिणाम देखना होगा।

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