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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कामेश्वर चौपाल के निधन पर शोक व्यक्त किया, कौन थे कामेश्वर चौपाल?

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कामेश्वर चौपाल के निधन पर शोक जताया है।

राम मंदिर की नींव में पहली ईंट रखने वाले कामेश्वर चौपाल का निधन हो गया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके निधन पर शोक जताया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने शोक संदेश में कहा कि वे दोनों राजनेता और समाजसेवी थे। कामेश्वर चौपाल भी राम जन्मभूमि ट्रस्ट में थे। राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों में उनके निधन से भारी नुकसान हुआ है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मरने वाले की आत्मा को चिर शांति देने और उनके परिजनों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य रखने की शक्ति देने की प्रार्थना की है। कामेश्वर चौपाल ने गंगा राम अस्पताल, दिल्ली में अपनी अंतिम सांस ली है। मृत्यु के बाद से शोक संदेश आ रहे हैं।

कामेश्वर चौपाल कौन थे?

कामेश्वर चौपाल सुपौल जिले के मरौना प्रखंड के कमरैल गांव में पैदा हुए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में वरिष्ठ नेता रहे कामेश्वर चौपाल ने समाज सेवा में बहुत कुछ किया। 24 अप्रैल 1956 को जन्मे थे। इसके बाद उन्होंने मिथिला विश्वविद्यालय (दरभंगा) से एमए की डिग्री हासिल की। वे भी विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त सचिव रहे।

1989 में, विहिप के नेतृत्व में कामेश्वर चौपाल ने अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास करते हुए पहली ईंट रखी। उन्होंने कहा, “जैसे श्रीराम को शबरी ने बेर खिलाया, वैसा ही मान-सम्मान मुझे भी मिला,।”

असफल चुनाव

शिलान्यास के बाद कामेश्वर चौपाल ने बीजेपी में शामिल होकर देश भर में ख्याति कमाई। 1991 में, उन्होंने रोसड़ा सुरक्षित लोकसभा सीट से बीजेपी से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। 1995 में बेगूसराय की बखरी विधानसभा सीट पर दो बार बीजेपी से चुनाव लड़े, लेकिन सफल नहीं हुए।

वे 2002 में बिहार विधान परिषद के सदस्य बन गए और 2014 तक इस पद पर रहे। 2014 में बीजेपी ने उन्हें सुपौल से उम्मीदवार बनाया, लेकिन वे नहीं जीत सके। कामेश्वर चौपाल ने कई चुनाव लड़े, लेकिन नहीं जीते। 2014 में वे पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन के खिलाफ चुनाव लड़े, लेकिन सफल नहीं हुए।

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