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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी: अब शीतकालीन यात्रा छह महीने की जगह बारह महीने की होगी

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की कि राज्य की शीतकालीन तीर्थयात्रा पहल को वर्ष भर चलने वाला बनाया गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट किया, “हमारी डबल इंजन सरकार ने आदरणीय प्रधानमंत्री @narendramodi जी के मार्गदर्शन में शीतकालीन तीर्थयात्रा शुरू कर दी है।” उत्तराखंड में अब तीर्थयात्रा छह महीने के बजाय पूरे बारह महीने चलती है।”

इस कार्रवाई का उद्देश्य राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने और पूरे वर्ष आध्यात्मिक यात्राओं को बढ़ावा देने की एक व्यापक योजना का पालन करना था। शीतकालीन तीर्थयात्रा पहले ठंडे महीनों तक सीमित थी, लेकिन अब श्रद्धालुओं को सभी मौसमों में चार धाम मंदिरों में जाने की अनुमति है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘‘श्रद्धालुओं को शीतकालीन गद्दीस्थल चारधाम के दर्शन कर आध्यात्मिक अनुभूति हो रही है और साथ ही शीतकाल को देखते हुए राज्य के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है।’’ उन्हें आगे लिखा कि इस पहल से धार्मिक पर्यटन को फायदा होगा और स्थानीय स्तर पर महत्वपूर्ण रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री की इस दूरदर्शी पहल से जहां एक ओर राज्य में पूरे साल यात्राएं संचालित हो रही हैं, वहीं स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिल रहे हैं।’’ इस दौरान सीएम धामी ने एनआईसी और सचिवालय के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा बनाई गई कई डिजिटल परियोजनाओं का उद्घाटन किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी  ने कहा कि आईटीडीए एवं एनआईसी ने मिलकर नई तकनीक का उपयोग करते हुए वर्तमान डिजिटल युग में सार्वजनिक सेवाओं को अधिक प्रभावी, तीव्र एवं समावेशी बनाने और साइबर सुरक्षा एवं डाटा सुरक्षा की चुनौतियों का सामना करने के लिए विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफार्म बनाए हैं, जिससे आम जनता को ऑल इन वन की तर्ज पर विभिन्न प्रकार की सेवाएं आसानी से मिल

उनका कहना था कि S3WAAS (सिक्योर, स्केलेबल एवं सुगम्य वेबसाइट एज ए सर्विस) फ्रेमवर्क में बनाई गई सभी विभागों की वेबसाइटें साइबर सुरक्षा के मामले में अच्छी होंगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में आईटीडीए को यूआईडीएआई से एयूए-केयूए (प्रमाणीकरण उपयोगकर्ता एजेंसी) बनाने का महत्वपूर्ण महत्व है। इसके बाद राज्य सरकार ने ई-केवाईसी और आधार प्रमाणीकरण से संबंधित सेवाओं को प्रदान करने के लिए पोर्टल बनाए जाएंगे, जैसे यूसीसी और वर्चुअल रजिस्ट्री।

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