राज्यउत्तराखण्ड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक कानून संहिता की घोषणा के बाद प्रतिक्रिया दी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में यूसीसी को लागू करते हुए कहा कि हलाला, इद्दत, बहुविवाह और तीन तलाक पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाएगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में समान नागरिक कानून संहिता की घोषणा को ऐतिहासिक कदम बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के अधिकारियों ने इस कानून को बनाने के लिए दिन-रात काम किया। सभी ने समन्वय का पालन किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि आज का दिन सिर्फ हमारे राज्य के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक है। यूसीसी को समानता सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में यूसीसी को लागू करके संविधान सभा के सभी सदस्यों, जैसे बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर, को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूसीसी के आगमन से उत्तराखंड में सभी निवासियों के अधिकार समान हो गए हैं। अब हर धर्म की महिलाओं के लिए पूर्ण कानून है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज मेरे लिए यह क्षण बहुत भावनात्मक है। यह कानून लागू होने से हलाला, इद्दत, बहुविवाह और तीन तलाक पूरी तरह से प्रतिबंधित हो जाएगा।

यह किसी भी धार्मिक या धार्मिक संस्था के खिलाफ नहीं है— मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता किसी भी धर्म या पंथ को प्रतिबंधित नहीं करती। इसमें किसी व्यक्ति को लक्षित करने का कोई कारण नहीं है। इसका कानूनी प्रयास समाज में समानता लाना है। इसमें कोई प्रथा नहीं बदली गई है, बल्कि एक बुरी प्रथा को समाप्त किया गया है।

UCC पूरे उत्तराखंड राज्य पर लागू होगा, सिवाय अनुसूचित जनजातियों। यूसीसी को ग्रामीण क्षेत्रों में लागू करने के लिए एसडीएम रजिस्ट्रार और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी सब रजिस्ट्रार होंगे। जबकि नगर पंचायतों और नगर पालिकाओं में एसडीएम और कार्यकारी अधिकारी रजिस्ट्रार होंगे। नगरपालिका क्षेत्र में, नगर आयुक्त रजिस्ट्रार होगा और कर निरीक्षक भी होगा। छावनी क्षेत्र में संबंधित सीईओ रजिस्ट्रार होगा, और सब रजिस्ट्रार रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर या सीईओ द्वारा अधिकृत अधिकारी होगा। रजिस्ट्रार जनरल (सचिव स्तर का अधिकारी) और इंस्पेक्टर जनरल ऑफ रजिस्ट्रेशन इन सबके उपर होंगे।

रजिस्ट्रार जनरल की जिम्मेदारियां

यदि रजिस्ट्रार तय समय में काम नहीं कर पाते हैं, तो मामला ऑटो फारवर्ड से रजिस्ट्रार जनरल के पास जाएगा। रजिस्ट्रार जनरल (या सब रजिस्ट्रार) के आदेश के खिलाफ 60 दिन के भीतर अपील का निपटारा कर आदेश जारी करेगा।

रजिस्ट्रार की जिम्मेदारियां

रजिस्ट्रार के प्रत्येक आदेश के खिलाफ अपील पर 60 दिन में निर्णय लेना, यदि रजिस्ट्रार तय समय में कार्रवाई नहीं कर पाते हैं तो मामला ऑटो फारवर्ड से रजिस्ट्रार जनरल के पास जाएगा इसी तरह रजिस्ट्रार या सब रजिस्ट्रार के आदेश के खिलाफ रजिस्ट्रार जनरल के पास अपील की जा सकेगी

सब रजिस्ट्रार की जिम्मेदारियां

नियमित रूप से पंद्रह दिन या तुरंत तीन दिन के भीतर सभी दस्तावेजों और जानकारी की जांच करके, आवेदक से स्पष्टीकरण मांगते हुए निर्णय लेना होगा। इनका काम होगा कि समय पर आवेदन नहीं करने, कानूनों का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाने, पुलिस को सूचना देने और विवाह की जानकारी सत्यापित नहीं होने पर माता-पिता या अभिभावकों को सूचित करें।

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