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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिये निर्देश यूपी में शराब की दुकानें यहां पर होंगी बंद, इन गाड़ियों पर कार्रवाई की तैयारी होगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बिना अनुमति की बसें सड़कों पर नहीं चल सकतीं। डग्गामार वाहनों और ओवरलोडेड ट्रकों को नियंत्रित करें। बिना परमिट के बाहर से आने वाले वाहनों को बॉर्डर पर रोकें।

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास लखनऊ में अध्यक्षता की। बैठक में उन्होंने राज्य में सड़क दुर्घटनाओं को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए जनपद स्तर पर मासिक और मंडल स्तर पर त्रैमासिक मंडलीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक अनिवार्य होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के छह मंडलों (अयोध्या, प्रयागराज, वाराणसी, आजमगढ़, सहारनपुर और आगरा) में पिछले वर्ष सिर्फ एक ही बैठक हुई है, इसलिए इनकी संख्या बढ़ानी चाहिए। संबंधित विभागों के मंत्री, शासन स्तर के अधिकारी और सभी मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर और पुलिस अधीक्षक ऑनलाइन उपस्थित हुए।

यह निर्देश पालन करें।

उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना के प्रमुख कारणों में ओवर स्पीडिंग, ड्रंकन ड्राइविंग, गलत साइड पर गाड़ी चलाना, जम्पिंग रेड लाइट और मोबाइल फोन का उपयोग शामिल हैं। इसके लिए लोगों में जागरूकता लानी चाहिए। हाइवे और एक्सप्रेसवे के किनारे शराब की दुकानें बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। शराब की दुकानों के साइनेज अक्सर बहुत बड़े होते हैं, इसलिए इन्हें छोटा किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बिना अनुमति की बसें सड़कों पर नहीं चल सकतीं। डग्गामार वाहनों और ओवरलोडेड ट्रकों को नियंत्रित करें। बिना परमिट के बाहर से आने वाले वाहनों को बॉर्डर पर रोकें। ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन और व्हीकल एसोसिएशन से संपर्क करके लंबी दूरी के वाहनों पर दो ड्राइवर हों।

बैठक में उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी संबंधित विभागों को मिलकर काम करना चाहिए ताकि सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सके। प्रदेश में सभी सड़कों पर ब्लैक स्पॉट चिह्नित करें और आवश्यक कार्रवाई करें। अस्पताल को सड़क के दोनों ओर फूड प्लाजा की तरह व्यवस्थित करें। साथ ही, सभी मंडल मुख्यालयों के अस्पतालों में ट्रेंड स्टाफ, एम्बुलेंस और ट्रॉमा सेंटर की स्थापना की जानी चाहिए।

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