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CM Yogi Adityanath ने प्रदेश की सड़कों के सुधार कार्याें की समीक्षा की पर्व और त्योहारों के दृष्टिगत सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने के विशेष अभियान को आगामी 10 अक्टूबर तक सम्पन्न करने के निर्देश

 CM Yogi Adityanath: प्रत्येक आदमी के लिए सड़क पर चलना सुखद अनुभव वाला हो, यह हम सभी की जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश की सड़कों के सुधार कार्याें की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को आगामी दिनों में शारदीय नवरात्रि, दशहरा तथा दीपावली आदि पर्व और त्योहारों के दृष्टिगत प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने के लिए जारी विशेष अभियान को आगामी 10 अक्टूबर तक सम्पन्न करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्व व त्योहारों पर आवागमन सामान्य की अपेक्षा अधिक होता है। इस दौरान विदेशी पर्यटक भी बड़ी संख्या में आते हैं। प्रत्येक आदमी के लिए सड़क पर चलना सुखद अनुभव वाला हो, यह हम सभी की साझा जिम्मेदारी है। गड्ढा मुक्ति व सड़कों की मरम्मत का काम अच्छी गुणवत्ता के साथ किया जाए।

CM Yogi Adityanath ने मण्डी परिषद को निर्देश देते हुए कहा कि किसान सड़कों का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। किसानों की सुविधा का खास ध्यान रखते हुए, एफ0डी0आर0 पद्धति से सड़कें बनायी जाएं। इस पद्धति के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों, धन व समय की बचत होती है तथा कार्य की गुणवत्ता में सुधार होता है। उन्होंने कहा कि मण्डी समिति के अन्तर्गत आने वाली सभी सड़कों की मरम्मत एवं ड्रेनेज का कार्य निर्धारित समय में गुणवत्ता के साथ पूर्ण किया जाए। उन्होंने एन0एच0ए0आई0 के अधिकारियों से संवाद करते हुए कहा कि जब तक हाईवे का निर्माण कार्य पूर्ण न हो जाए, तब तक टोल टैक्स की वसूली न की जाए।

गड्ढा मुक्ति अभियान के लिए विभागीय कार्ययोजना से अवगत होते हुए मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि सड़कों के लिए बजट का कोई अभाव नहीं है। सभी विभागों में बेहतर नियोजन की आवश्यकता है। सभी विभाग यह सुनिश्चित करें कि सड़क बनाने वाली एजेंसी/ठेकेदार सड़क बनने के अगले 05 वर्ष तक उसके अनुरक्षण की जिम्मेदारी भी उठाएं। इस बारे में नियम-शर्तें स्पष्ट रूप से उल्लिखित की जाएं। विभागीय मंत्री व अधिकारी फील्ड में रैंडम दौरा कर निर्माण परियोजनाओं की साप्ताहिक समीक्षा करें। कार्यों में जवाबदेही भी तय की जाय। उन्होंने कार्य को मैनुअल के स्थान पर मैकेनाइज्ड किये जाने पर बल देते हुए कहा कि सभी विभागों के पास सड़क मरम्मत के लिए पर्याप्त इक्विपमेंट होने चाहिए। सड़कों के पैच ठीक करने की कार्रवाई ऑटो मोड पर की जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सड़कों पर किए जाने वाले बेतरतीब कार्यों से दुर्घटना होने की सम्भावना बनती है। सड़कों पर सीवर लाइन तथा पाइप लाइन आदि डालने के बाद ठीक ढंग से मरम्मत की जानी चाहिए। सड़कों पर ऊंचे ब्रेकर से भी दुर्घटना होने की सम्भावना बनती है। अतः सड़कों पर टेबल टॉप ब्रेकर का निर्माण किया जाए। गड्ढा मुक्ति और नवनिर्माण के अभियान की जियो टैगिंग करायी जाए। इसे पी0एम0 गतिशक्ति पोर्टल से जोड़ा जाए। पोर्टल के माध्यम से कार्य की गुणवत्ता की अनवरत मॉनीटरिंग की जाए। एक्सप्रेस-वे की मरम्मत का कार्य भी आगे बढ़ाया जाए, जिससे आगामी पर्व व त्योहारों पर लोगों का आवागमन सुगम हो सके। सांसद तथा विधायक निधि के अंतर्गत बनी सड़कों की मरम्मत के लिए कार्य योजना तैयार
की जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग द्वारा गन्ना समिति तथा विद्यालयों के भवनों की मरम्मत की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ग्रा सचिवालयों की अवधारणा को केन्द्र सरकार ने मॉडल के रूप में स्वीकार किया है। ग्राम सचिवालयों की तर्ज पर गन्ना समिति के कार्यालयों का भी अपग्रेडेशन किया जाए। किसानों के लिए डिस्प्ले बोर्ड पर उपयोगी सूचनाएं प्रदर्शित की जाएं तथा किसानों की क्वेरीज का समाधान किया जाए।

प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर मण्डी समिति तथा औद्योगिक प्रतिष्ठानों में सी0एस0आर0 पद्धति के माध्यम से पेयजल, टॉयलेट, कैंटीन आदि सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाए। इस कार्य से महिला स्वयं समूहों को भी जोड़ा जाए। मण्डियों में कैंटीन के माध्यम से किसानों के लिए कम कीमत में भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। औद्योगिक प्रतिष्ठानों में सुरक्षा व्यवस्था के लिए सी0सी0टी0वी0 कैमरों, स्ट्रीट लाइट तथा साफ सफाई आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी जनपदों के नगर निगमों, नगर पालिका परिषदों तथा नगर पंचायतों में प्राइम लोकेशनों पर स्मार्ट रोड की अवधारणा को आगे बढ़ायाजाए। स्मार्ट रोड पर एक जैसी फसाड लाइट लगाई जाएं। नगर विकास विभाग भी शहरों की फसाड लाइटिंग में समरूपता प्रदर्शित करे। प्रदेश में शहरीकरण का निरन्तर विस्तार हो रहा है। अवैध कॉलोनियों को किसी भी दशा में विकसित न होने दिया जाए। सड़क, बिजली, पानी आदि बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता के बाद ही नवीन कॉलोनियों का हैण्डओवर कराया जाए।

source: http://information.up.gov.in

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