CM Yogi Adityanath: ‘विश्व दिव्यांग दिवस’ के अवसर पर राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरण समारोह

CM Yogi Adityanath ने दिव्यांगजन कल्याण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे विभिन्न व्यक्तियों तथा संस्थाओं को राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया

उत्तर प्रदेश के CM Yogi Adityanath ने कहा कि दिव्यांगजन को जब भी समाज का प्रोत्साहन तथा सम्बल एवं अवसर मिला, उन्होंने अपनी प्रतिभा का लाभ देश-दुनिया तथा मानवता को दिया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने दिव्यांगजन शब्द देकर उनकी भावनाओं को सम्मान दिया तथा गरिमापूर्ण तरीके से जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है। प्रधानमंत्री जी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र को अंगीकार करते हुए प्रदेश सरकार दिव्यांगजन सशक्तीकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के माध्यम से हर तबके के विकास के लिए कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ‘विश्व दिव्यांग दिवस’ के अवसर पर आज यहां लोक भवन में आयोजित ‘राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरण समारोह’ में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने दिव्यांगजन कल्याण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे विभिन्न व्यक्तियों तथा संस्थाओं को राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री जी ने दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा संचालित हाईस्कूल तथा इण्टरमीडिएट विद्यालयों के शैक्षणिक सत्र 2023-24 की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। उन्होंने डॉ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को टैबलेट तथा पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अन्तर्गत ओ लेवल कम्प्यूटर प्रशिक्षण पूरा करने वाले विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र वितरित किये। मुख्यमंत्री जी ने पिछड़ा वर्ग से जुड़े 02 लाख 53 हजार 211 छात्र-छात्राओं के खातों में 54 करोड़ 38 लाख रुपये की छात्रवृत्ति डी0बी0टी0 के माध्यम से अन्तरित की। मुख्यमंत्री जी ने दिव्यांगजन को विभिन्न प्रकार के सहायक उपकरणों का वितरण किया। कार्यक्रम में दिव्यांग छात्राओं द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के विषय में एक लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज विश्व दिव्यांग दिवस है। आज ही राष्ट्रीय अधिवक्ता दिवस तथा देश के प्रथम राष्ट्रपति, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, प्रखर अधिवक्ता तथा संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद की जयन्ती भी है। उन्होंने विश्व दिव्यांग दिवस तथा राष्ट्रीय अधिवक्ता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि ऋषि अष्टावक्र, महाकवि सूरदास, ब्रह्माण्ड की थ्योरी को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने वाले भौतिक विज्ञानी श्री स्टीफन हॉकिंग तथा वर्तमान में अपनी दिव्य वाणी से समाज को नई दिशा देने वाले जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी जैसे अनेक उदाहरण हमारे सामने हैं, जिन्होंने यह साबित किया कि वह किसी से कम नहीं हैं। विश्व दिव्यांग दिवस इसी दृष्टिकोण को अपनाने के लिए समाज को एक नयी प्रेरणा प्रदान करने का माध्यम है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दिव्यांगजन की प्रतिभा और ऊर्जा का उदाहरण पेरिस पैरालम्पिक में दिव्यांग खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन रहा है। दिव्यांगजन की प्रतिभा के विकास के दृष्टिगत प्रदेश सरकार द्वारा लखनऊ में डॉ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय तथा चित्रकूट में जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय संचालित हैं। इसके अतिरिक्त दृष्टिबाधित, मूकबधिर तथा अन्य बच्चों के लिए कॉलेज संचालित हैं। इनकी संख्या बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। इनमें प्रशिक्षित शिक्षकों की तैनाती करने, उन्हें अच्छा मानदेय, सुविधाएं तथा अच्छा प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है। तकनीक के माध्यम से दिव्यांगजन को सक्षम बनाने की आवश्यकता है, जिससे उनकी प्रतिभा का लाभ समाज, देश व दुनिया ले सके। हमें समयबद्ध रूप से निर्णय लेकर तेजी से आगे बढ़ना होगा।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज यहां 19 महानुभावों को राज्य स्तरीय पुरस्कार से तथा 46 मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया है। कार्यक्रम में स्वागत गीत प्रस्तुत करने वाली दिव्यांग बालिकाओं के गीत में अत्यन्त मधुरता थी। यह उनकी प्रतिभा को दर्शाता है। यहां 40 दिव्यांगजन को सहायक उपकरण तथा 324 दिव्यांग विद्यार्थियों को टैबलेट वितरित किये गये हैं। पिछड़ा वर्ग से जुड़े 02 लाख 53 हजार 211 छात्र-छात्राओं के खातों में डी0बी0टी0 के माध्यम से 54 करोड़ 38 लाख रुपये की छात्रवृत्ति प्रेषित की गयी है। विभाग द्वारा यह कार्य समय से पूर्व सम्पन्न किये गये हैं। पिछड़ा वर्ग से जुड़े 28 युवाओं को कम्प्यूटर प्रशिक्षण का प्रमाण-पत्र दिया गया है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दिव्यांगजन के कल्याण हेतु प्रदेश में अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। वर्ष 2017 में 07 से 08 लाख दिव्यांगजन को प्रतिमाह 300 रुपये की पेंशन मिलती थी। हमने यह राशि 300 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये की तथा पैसा सीधे लाभार्थी के खाते में भेजने की व्यवस्था की। वर्तमान में 11 लाख दिव्यांगजन प्रतिवर्ष 12,000 रुपये पेंशन का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। पूर्व राज्यपाल श्री राम नाईक की प्रेरणा से कुष्ठावस्था पेंशन के रूप में प्रतिमाह 3,000 रुपये उपलब्ध कराये जा रहे हैं। इन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना या मुख्यमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत एक आवास उपलब्ध कराये जाने की दिशा में सरकार ने कदम
बढ़ाये हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राजकीय सेवाओं में दिव्यांगजन के लिए 04 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गयी है। इसके अतिरिक्त, दिव्यांगजन को मोटराइज्ड ट्राई साइकिल, व्हीलचेयर तथा स्मार्ट स्टिक जैसे कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण प्रदान किये जा रहे हैं। मूकबधिर बच्चों के कॉक्लियर इम्प्लाण्ट के लिए 06 लाख रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। सभी सरकारी भवनों तथा सरकारी संस्थाओं में दिव्यांगजन की सुविधा के लिए रैम्प, शौचालय तथा अन्य सुविधाएं विकसित की गयी हैं। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में दिव्यांगजन की निःशुल्क यात्रा के लिए 40 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शादी-विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के अन्तर्गत 40 प्रतिशत दिव्यांगता वाली दम्पत्ति में से पति के दिव्यांग होने पर 15,000 रुपये, पत्नी के दिव्यांग होने की स्थिति में 20,000 रुपये तथा पति-पत्नी दोनों के दिव्यांग होने की दशा में 35,000 रुपये प्रोत्साहन राशि उपलब्ध करायी जाती है। दुकान निर्माण/संचालन योजना के अन्तर्गत लाभार्थी को दुकान निर्माण हेतु 20,000 रुपये तथा दुकान, गुमटी या हाथ ठेला संचालन हेतु 10,000 रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है। इसके तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक लगभग 500 दिव्यांगजन को
लाभान्वित किया गया है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विभिन्न प्रकार की सर्जरी हेतु दी जाने वाली 8,000 रुपये की धनराशि को बढ़ाकर 10,000 रुपये किया गया है। कॉक्लियर इम्प्लाण्ट के लिए 06 लाख रुपये की धनराशि दी जाती है। इसके अन्तर्गत वर्ष 2024-25 में अब तक 24 कॉक्लियर इम्प्लान्ट सम्पन्न कराये गये हैं। प्रदेश में प्री-प्राइमरी, बचपन-डे केयर सेण्टर जैसी अनेक संस्थाओं का संचालन किया जा रहा है। प्रदेश में मेरठ, बरेली तथा गोरखपुर में मानसिक मंदित आश्रय गृह सह प्रशिक्षण केन्द्र संचालित हैं। इन कार्याें को और तेज गति से बढ़ाने की आवश्यकता है। सरकार ने दिव्यांगजन के लिए ई-ऑफिस, विद्यालयों में ई-लर्निंग रिसोर्स सेण्टर तथा ऑनलाइन बजट मॉनीटरिंग की व्यवस्था की है। दिव्यांगजन को बहुत दूर न जाना पड़े, इसके लिए उन्हें स्थानीय स्तर पर ही सुविधाएं उपलब्ध कराने के कार्य किये जाने चाहिए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के साथ ही पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग भी प्रतिबद्धता से अनेक कार्यक्रम संचालित कर रहा है। वर्ष 2016-17 में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का कुल बजट 1,295 करोड़ रुपये का था, इसमें लगभग 116 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए इसे लगभग 2,800 करोड़ रुपये किया गया है। इससे पिछड़ा वर्ग से जुड़े अधिक से अधिक लोगों को लाभ दिया जाना सम्भव हुआ है। वर्ष 2016-17 में पूर्वदशम् छात्रवृत्ति के लिए कुल 107 करोड़ रुपये आवंटित थे और इससे 05 लाख 19 हजार विद्यार्थी लाभान्वित होते थे, हमने इसे बढ़ाकर 160 करोड़ 16 लाख रुपये किया। अब इससे 07 लाख 58 हजार विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2024-25 में एक संशोधन के माध्यम से पिछड़ा वर्ग से जुड़े पात्र छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति उपलब्ध कराने के लिए 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। इसी के अन्तर्गत आज यहां 02 लाख 53 हजार 211 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति से लाभान्वित किया गया है। दशमोत्तर छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के अन्तर्गत वर्ष 2016-17 में 983 करोड़ रुपये से 13 लाख 64 हजार छात्र-छात्राओं को दशमोत्तर छात्रवृत्ति तथा 11 लाख 13 हजार छात्र-छात्राओं को शुल्क प्रतिपूर्ति से लाभान्वित किया गया था। वर्तमान में 2,070 करोड़ रुपये व्यय
करते हुए 19 लाख 80 हजार छात्र-छात्राओं को दशमोत्तर छात्रवृत्ति तथा शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ उपलब्ध कराया जा रहा है। वर्ष 2016-17 के सापेक्ष इसमें लगभग 1100 करोड़ रुपये की वृद्धि की गयी है। इससे लगभग 07 लाख अतिरिक्त विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं। कम्प्यूटर प्रशिक्षण हेतु भी धनराशि में बढ़ोत्तरी की गयी है। शादी अनुदान योजना के अन्तर्गत वर्ष 2016-17 में 141 करोड़ रुपये की धनराशि से 70 हजार बेटियों को लाभ हो पाया था। वर्तमान में 200 करोड़ रुपये की धनराशि से 01 लाख बेटियों को लाभान्वित किया जा रहा है। पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री नरेन्द्र कश्यप ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश की पहचान को विश्वपटल पर स्थापित किया है। मुख्यमंत्री जी की इच्छाशक्ति व दिव्यांगजन के प्रति प्रेम का प्रतिफल है कि प्रदेश में दिव्यांगजन के कल्याणार्थ संचालित सभी योजनाओं में तेजी से प्रगति हुई है। प्रदेश में पहले छात्रवृत्ति मार्च महीने में वितरित की जाती थी। मुख्यमंत्री जी की प्रेरणा से यह 03 दिसम्बर को ही दी जाने की व्यवस्था की गयी है।

इस अवसर पर समाज कल्याण राज्यमंत्री श्री संजीव गोंड, मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण श्री सुभाष चन्द्र शर्मा, कुलपति डॉ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ के कुलपति प्रो0 संजय सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी, छात्र-छात्राएं और महानुभाव उपस्थित थे।

source: http://up.gov.in

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