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CM Yogi: नए मेडिकल कॉलेजों की मान्यता के लिए सीएम योगी ने नड्डा से बातचीत की, पुराने मानकों पर मान्यता की मांग की

CM Yogi: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से पुराने मानकों को मान्यता देने की मांग की। एनएमसी के मानक बदलने से कॉलेजों की मान्यता अटक गई।

CM Yogi: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से 13 नए स्वशासी मेडिकल कॉलेजों को मान्यता न देने पर चर्चा की। उन्होंने नड्डा को बताया कि इन कॉलेजों में तैयारियों में कमी नहीं थी, बल्कि नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) के मानकों में अचानक बदलाव से दिक्कत आई है। CM ने नड्डा से 2020 के निर्धारित मानकों पर ही मेडिकल कॉलेजों को मान्यता देने की मांग की है।

एनएमसी ने 13 नए मेडिकल कॉलेजों को मान्यता नहीं दी है। सरकार के प्रवक्ता ने सोमवार को बताया कि इन कॉलेजों ने एनएमसी के 2020 के मानकों के अनुसार तैयारी की थी, जबकि एनएमसी वर्ष 2023 में एमबीबीएस कोर्स के लिए निर्णय ले रहा है। सरकार इन कॉलेजों को चलाने के लिए प्रतिबद्ध है, प्रवक्ता ने कहा। प्रवक्ता ने बताया कि इन कालेजों ने पुराने नियमों पर ही निरीक्षण मांगा था। विभिन्न राज्यों ने एनएमसी से 2023 के मानकों को स्थगित करने की मांग की। क्योंकि नए मानकों में अवस्थापना और चिकित्सा शिक्षकों के मानक वर्ष  2020 के मानकों से अधिक हैं

पदों को भरने के प्रयास

प्रवक्ता ने बताया कि मेडिकल कॉलेजों में शिक्षक पदों को भरने के लिए हर संभव प्रयास किया गया है। प्रधानाचार्य की अध्यक्षता में सरकार ने गठित कमेटी को संविदा पर चिकित्सा शिक्षकों की नियुक्ति का अधिकार दिया है। नियमित चिकित्सा शिक्षकों की नियुक्ति करने के लिए चार कमेटी भी हैं। एनएमसी ने दो मई को जारी किए गए नोटिस के समय राज्य में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू थी। आचार संहिता खत्म होने के बाद फिर से चिकित्सा शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किए गए और आवेदन मांगे गए। चयन फिलहाल चल रहा है।

ये मानक हैं

2020 एनएमसी मानकों के अनुसार कॉलेज में 50 चिकित्सा शिक्षक होने चाहिए, जबकि 2023 के मानकों के अनुसार 86 होने चाहिए। मानक में बदलाव से कॉलेजों में 24 सीनियर रेजीडेंट की जगह अब 40 और छह प्रोफेसर की जगह 17 प्रोफेसर अनिवार्य हो गए हैं।

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