CM Yogi: खाद्य पदार्थों की पवित्रता सुनिश्चित करने तथा सार्वजनिक व्यवस्था के बारे में उपभोक्ताओं में विश्वास बनाए रखने की महत्ता के दृष्टिगत कठोर कानून बनाया जाना आवश्यक
- मानव अपशिष्ट/अखाद्य/गंदी चीजों की मिलावट की गतिविधियों पर स्थायी रोक के सम्बन्ध में सुस्पष्ट कानून तैयार किया जाए
- ऐसे अपराधों को संज्ञेय और अजमानतीय मानते हुए कार्रवाई की जानी चाहिए,
- कानून का उल्लंघन करने वालों को कारावास और अर्थदण्ड की सजा होनी चाहिए
- हर उपभोक्ता को यह अधिकार हो कि वह खाद्य एवं पेय पदार्थों के विक्रेता तथा सेवा प्रदाताओं के बारे में आवश्यक जानकारी रख सके, इसके लिए विक्रेता द्वारा प्रतिष्ठान पर साइनबोर्ड लगाना अनिवार्य किया जाए
- खाद्य प्रतिष्ठान में काम करने वाले सभी कार्मिकों को पहचान पत्र धारण करना अनिवार्य किया जाए
- खाद्य प्रतिष्ठानों के रसोईघर एवं भोजन कक्ष में सतत निगरानी के लिए पर्याप्त संख्या में सी0सी0टी0वी0 कैमरे लगाना अनिवार्य किया जाए
- यदि किसी खाद्य प्रतिष्ठान में किसी कार्मिक के घुसपैठिया अथवा अवैध विदेशी नागरिक होने की पुष्टि होती है तो उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई होनी चाहिए
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में विगत दिनों हुई जूस, दाल और रोटी जैसी खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट/अखाद्य/गंदी चीजों की मिलावट की घटनाओं पर स्थायी रोक लगाने के लिए प्रस्तावित नए कानून पर विमर्श किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि हाल के दिनों में देश के विभिन्न क्षेत्रों में जूस, दाल और रोटी जैसी खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट/अखाद्य/गंदी चीजों की मिलावट की घटनाएं देखने को मिली हैं। ऐसी घटनाएं वीभत्स हैं और आम आदमी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली हैं। यह सामाजिक सौहार्द पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं। ऐसे कुत्सित प्रयास कतई स्वीकार नहीं किए जा सकते।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि खाद्य पदार्थों की पवित्रता सुनिश्चित करने तथा सार्वजनिक व्यवस्था के बारे में उपभोक्ताओं में विश्वास बनाए रखने की महत्ता के दृष्टिगत कठोर कानून बनाया जाना आवश्यक है। होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, स्ट्रीट वेंडर्स से जुड़ी इन गतिविधियों के सम्बन्ध में सुस्पष्ट कानून तैयार किया जाए। कानून का उल्लंघन करने वालों को कारावास और अर्थदण्ड की सजा होनी चाहिए। ऐसे अपराधों को संज्ञेय और अजमानतीय मानते हुए कार्रवाई की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अपनी पहचान छुपा कर असामाजिक तत्वों द्वारा खान-पान की वस्तुओं एवं पेय पदार्थ में मानव अपशिष्ट, अखाद्य, गंदी चीजों की मिलावट की एक भी गतिविधि न हो, इसे कानून के माध्यम से सुनिश्चित करना होगा। ऐसी असामाजिक गतिविधियों पर कड़ाई से लगाम लगायी जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हर उपभोक्ता को यह अधिकार हो कि वह खाद्य एवं पेय पदार्थों के विक्रेता तथा सेवा प्रदाताओं के बारे में आवश्यक जानकारी रख सके। इसके लिए विक्रेता द्वारा प्रतिष्ठान पर साइनबोर्ड लगाना अनिवार्य किया जाए। खाद्य प्रतिष्ठान में काम करने वाले सभी कार्मिकों को पहचान पत्र धारण करना भी अनिवार्य किया जाए। छद्म नाम रखने, गलत जानकारी देने वालों के विरुद्ध कठोरतम सजा का प्रावधान होना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रत्येक खाद्य प्रतिष्ठान द्वारा यह सुनिश्चित किया जाए कि उसके प्रतिष्ठान में कोई भी भोजन दूषित न हो। खाद्य प्रतिष्ठानों के रसोईघर एवं भोजन कक्ष में सतत निगरानी के लिए पर्याप्त संख्या में सी0सी0टी0वी0 कैमरे लगाना अनिवार्य किया जाए, जिसकी न्यूनतम एक माह की फुटेज जिला प्रशासन द्वारा मांगे जाने पर हर समय उपलब्ध कराई जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि रसोईघर में भोजन पकाते समय और उसे परोसते समय सिर ढकना, मास्क और दस्ताने पहनना अनिवार्य होना चाहिए। खाद्य कारोबारकर्ता द्वारा प्रतिष्ठान में कार्यरत कार्मिकों का विवरण सम्बन्धित थाने को उपलब्ध कराया जाना चाहिए। यदि किसी खाद्य प्रतिष्ठान में किसी कार्मिक के घुसपैठिया अथवा अवैध विदेशी नागरिक होने की पुष्टि होती है तो उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। कानून में इस सम्बन्ध में स्पष्ट प्रावधान किया जाना चाहिए।
source: http://up.gov.in