रक्षा मंत्री तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में सुशासन दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुए
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पूरा देश पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्मशताब्दी महोत्सव का साक्षी बन रहा है।
भारत के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी यहां लोक भवन में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में सुशासन दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर उन्होंने सुशासन विषय पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र-छात्राओं, स्वच्छ सचिवालय अभियान के लिए सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अनुभाग अधिकारी, उत्तम और स्वच्छ भवन के लिए व्यवस्था अधिकारी लोक भवन, शिकायत एवं सर्विस डिलीवरी आवेदनों के शत्-प्रतिशत निस्तारण हेतु प्रमुख सचिव कृषि विभाग व विशेष सचिव सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग को सम्मानित किया। इसके पूर्व, उन्होंने लोक भवन प्रांगण में स्थापित श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की प्रतिमा के सम्मुख स्थित उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
रक्षा मंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि सम्पूर्ण देश में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जन्मशताब्दी मनाई जा रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वर्ष 2014 में अटल जी के जन्मदिन को प्रतिवर्ष ‘सुशासन दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया था। तभी से प्रतिवर्ष लगातार उनके जन्मदिन को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। श्रद्धेय पं0 मदन मोहन मालवीय जी की भी जयन्ती है। उनका देश की आजादी तथा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय जैसे शिक्षण संस्थानों को स्थापित करने में अहम योगदान रहा है। उनकी विश्वविद्यालय स्थापना की संकल्पना से अनुमान लगाया जा सकता है कि वह किस प्रकार के भारत को देखना चाहते थे।
रक्षा मंत्री ने कहा कि सुशासन का तात्पर्य प्रत्येक व्यक्ति में अच्छे शासन के कारण अनुकूल संवेदना का उत्पन्न होना है। व्यक्ति स्वयं को भय मुक्त महसूस करे। उसके जीवन की न्यूनतम आवश्यकताएं पूरी हो सकें, वह जो कुछ करना चाहता है, उसे करने का अवसर प्राप्त हो। यही सुशासन होता है। श्रद्धेय अटल जी द्वारा देश को प्रदान की गई गवर्नेंस की सराहना देश के साथ-साथ दुनिया के अन्य देशों में भी होती है। उस समय पहली बार स्वतंत्र भारत में देश की विकास दर 8.4 प्रतिशत पर पहुंची थी। सुशासन के लक्ष्य को कैसे प्राप्त किया जा सकता है, यह अटल जी ने करके दिखाया। प्रधानमंत्री जी ने इसीलिए उनके जन्म दिन को सुशासन दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया।
रक्षा मंत्री ने कहा कि दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका के भारत में वर्तमान राजदूत श्री एरिक गारसेट्टी ने अभी हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा कि ‘इफ यू वॉन्ट टू सी द फ्यूचर कम टू इंडिया, इफ यू वॉन्ट टू फील द फ्यूचर कम टू इंडिया, इफ यू वॉन्ट टू वर्क ऑन फ्यूचर कम टू इंडिया’। यह सुशासन के कारण सम्भव हुआ है। हर व्यक्ति को सुख और आनन्द की अनुभूति हो। वह भय मुक्त वातावरण में काम कर सके।
रक्षा मंत्री ने कहा कि हम लोग एक दार्शनिक अवधारणा को लेकर चलने वाले व्यक्ति हैं। वह दार्शनिक अवधारणा हमें पं0 दीनदयाल उपाध्याय के माध्यम से प्राप्त हुई। उनका कहना था कि प्रत्येक मनुष्य तन, मन, बुद्धि तथा आत्मा से मिलकर बना है। इन चारों आवश्यकताओं की पूर्ति पर मनुष्य को सुख, आनन्द तथा परमानन्द की प्राप्ति होती है। तन की आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए धन की आवश्यकता होती है। सुख की प्राप्ति के लिए मन की आवश्यकताओं को पूर्ण करना आवश्यक है। बुद्धि के सुख की प्राप्ति के लिए ज्ञान की आवश्यकता होती है। व्यक्ति आत्मिक दृष्टि से जितना बड़ा होता जाता है, उसके सुख तथा आनन्द की अनुभूति उसी प्रकार बढ़ती जाती है। इसीलिए अटल जी ने कहा था कि ‘छोटे मन से कोई बड़ा नहीं हो सकता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं हो सकता’। तन, मन, बुद्धि तथा आत्मा की आवश्यकताओं की पूर्ति करना ही गुड गवर्नेंस है। व्यक्ति को अपनी शांति के लिए अपनी धार्मिक विधाओं को करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रत्येक व्यक्ति के धार्मिक क्रिया-कलापों को निर्विघ्न सम्पादित करने का वातावरण निर्मित किया गया है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने न्यूनतम आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु देश के 80 करोड़ लोगों को निःशुल्क राशन उपलब्ध कराया है। योग्यता व क्षमता के आधार पर लोगों को रोजगार के अनेक अवसर प्रदान किये जा रहे हैं। विगत 08 वर्षों में देश में 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से उबरे हैं। यदि लोगों की न्यूनतम तथा वित्तीय आवश्यकताएं पूर्ण नहीं हुईं, तो यह सब कैसे सम्भव हुआ। इसे ही गुड गवर्नेंस कहते हैं। हम शत्-प्रतिशत सैचुरेशन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि मन के सुख के लिए मान तथा सम्मान आवश्यक होता है। कोई किसी को अपमानित न करे। कोई दहशत न फैलाए। प्रत्येक व्यक्ति स्वयं को भय मुक्त महसूस करे। यदि समाज भय मुक्त होगा, तो प्रत्येक व्यक्ति सुख तथा आनन्द की प्राप्ति करेगा। कानून-व्यवस्था राज्य का विषय होता है। मुख्यमंत्री जी इस दायित्व का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। सरकार सभी को शिक्षा प्रदान करने के लिए कृत संकल्पित है। शिक्षा की दिशा में अनेक नवाचार किये जा रहे हैं। वर्ष 2014 से पूर्व देश में स्थापित एम्स, विश्वविद्यालय तथा अन्य शिक्षण संस्थानों की संख्या में वर्तमान में दो से ढाई गुना वृद्धि हुई है। यह सभी प्रयत्न इसलिए किए गए ताकि लोगों को अच्छी शिक्षा तथा ज्ञान प्राप्त हो सके। इसके दृष्टिगत सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अनेक सुधार किए हैं। रक्षा मंत्री ने कहा की आत्मा के सुख के लिए भगवान या परमानन्द की आवश्यकता होती है। यदि थोड़ी देर के लिए मान लिया जाए कि आत्मा एक सर्कल है। जैसे-जैसे आप इस सर्कल को बड़ा करते जाएंगे, मेग्नीट्यूड ऑफ सुख, मेग्नीट्यूड ऑफ आनन्द उसी अनुपात में बढ़ता जाएगा। एक ऐसा क्षण आएगा, जब परमानन्द की प्राप्त होगी। यदि इसे गणितीय भाषा में कहें, तो सरकमफेरेंस ऑफ मन इज डायरेक्टली प्रोपोर्शनल टू मेग्नीट्यूड ऑफ सुख एण्ड आनन्द। परमानंद का कोई मेग्नीट्यूड नहीं होता, वह अनन्त तथा असीम है। जो सरकार इन चारों आवश्यकताओं की पूर्ति करे, वही सुशासन के पथ पर चलने वाली सरकार होती है। जब रोते हुए छोटे मासूम बच्चे को उसकी मां जमीन से उठाकर अपने सीने से लगाती है, तो उस समय मन को जिस सुख की अनुभूति होती है, वही आत्मा का सुख होता है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि अटल जी ने सन् 1999 में देश में गोल्डन क्वॉड्रिलैटरल तथा नॉर्थ, साउथ, ईस्ट व वेस्ट कॉरिडोर की योजना प्रारम्भ की थी। अटल जी का रोड कनेक्टिविटी का संकल्प केवल बड़े शहरों को जोड़ने तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने देश के गांवों को भी अच्छी क्वालिटी की पक्की सड़कों से जोड़ने का संकल्प किया तथा इसे काफी हद तक पूर्ण भी किया। हमारी सरकार शत-प्रतिशत सैचुरेशन की दिशा में आगे बढ़ रही है।
रक्षा मंत्री ने कहा अटल जी ने टेलीकॉम सेक्टर में भी बड़े बदलाव किये। उन्होंने देश में मोबाइल क्रांति लाने का काम किया था। मोबाइल क्रांति के परिणामस्वरुप देश विकास के पायदान पर आगे आकर खड़ा हुआ है। अन्त्योदय योजना अटल जी की ही देन है। विगत 10 वर्षों में देश तथा दुनिया के किसी भी व्यक्ति ने भ्रष्टाचार के मामले में सरकार पर उंगली नहीं उठाई। यही सुशासन है। हमारी सरकार गरीबों के प्रति समर्पित है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार, शपथ लेने के पश्चात यह संकल्प प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने लिया था। कुशासन को समाप्त कर सुशासन प्राप्त करना सरकार का सबसे बड़ा उद्देश्य है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि लगभग 1,500 से अधिक अनुपयोगी कानूनों को वर्तमान सरकार ने समाप्त किया है। सरकार ने ईज ऑफ लिविंग के लिए भी कई कदम उठाए हैं। पहले डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए राजपत्रित अधिकारी की आवश्यकता पड़ती थी। सरकार ने सेल्फ सर्टिफिकेशन की व्यवस्था को लागू किया। देश पहले ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में 140वें स्थान पर रहता था, आज 50 वें स्थान पर है। 05 वर्ष समाप्त होते-होते भारत ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में 15वें स्थान पर आ जाएगा। पहले सरकार द्वारा भेजे गए 100 पैसों में केवल 14 पैसे जरूरतमंदों तक पहुंच पाते थे। 86 पैसे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाते थे। इस चैलेंज को पहली बार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने स्वीकार किया। अब डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर सिस्टम के माध्यम से जरूरतमंदों के खाते में पूरे 100 के 100 पैसे पहुंच रहे हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि योगी आदित्यनाथ जी उत्तर प्रदेश के डायनेमिक एण्ड डूअर चीफ मिनिस्टर हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में प्रदेश के 04 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर हुए हैं। प्रदेश सरकार ने गरीबों को मकान देने के मामले में देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश में 70 प्रतिशत से अधिक घरों की रजिस्ट्री महिलाओं के नाम हुई है। पहले की सरकारों में घर बनने में लगभग 300 दिन लग जाते थे लेकिन अब 100-110 दिनों में घर बनाने का काम हो रहा है। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत गरीबों का पांच लाख रुपए तक का निःशुल्क उपचार किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज पूरा देश पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्मशताब्दी महोत्सव का साक्षी बन रहा है। आज महान शिक्षाविद तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पं0 मदन मोहन मालवीय की जयन्ती तथा क्रिसमस का दिन भी है। आज की तिथि अत्यन्त महत्वपूर्ण है। हमारी मान्यता है कि आज के दिन से दिन बड़े होने लगेंगे। अब हमें और अधिक समय तक भगवान सूर्य के दर्शन होंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से पूरे देश में श्रद्धेय अटल जी की जयन्ती को वर्ष 2014 से सुशासन दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। यह वर्ष अटल जी का जन्म शताब्दी वर्ष है। इस उपलक्ष्य में सुशासन सप्ताह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रदेश में प्रत्येक जनपद में कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसमें शासन-प्रशासन के सभी विभाग सम्मिलित हुए। तीन प्रकार के अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। लखनऊ में आठवीं से 12वीं कक्षा तक के बच्चों के लिए सुशासन पर आधारित निबंध लेखन की प्रतियोगिता आयोजित की गई थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि सचिवालय प्रशासन तथा उच्च शिक्षा विभाग अच्छे आलेखों का संकलन कर प्रदेश स्तर पर स्मारिका तथा पत्रिका का प्रकाशन करायें। इन पत्रिकाओं को विभिन्न पुस्तकालयों में उपलब्ध कराया जाए ताकि अन्य लोग भी इससे लाभान्वित हो सकें। स्नातक तथा स्नातकोत्तर स्तर पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इसमें प्रदेश के प्रत्येक जनपद से विजेता तीन-तीन बच्चों को आज सम्मानित किया गया। अटल जी एक अच्छे कवि थे। उनकी कविताएं अत्यन्त प्रसिद्ध हैं। इनसे सम्बन्धित काव्य पाठ का आयोजन भी किया गया। युवाओं तथा समाज के प्रत्येक वर्ग ने इसमें बड़ी रुचि ली।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि उन्होंने अटल जी के जन्मशताब्दी महोत्सव कार्यक्रम का शुभारम्भ लखनऊ में अटल जी के जीवन पर आधारित प्रदर्शनी के माध्यम से 19 दिसम्बर, 2024 को किया था। इस उपलक्ष्य में कल अलग-अलग स्थानों पर अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए। यह महापुरुषों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का माध्यम है, ताकि हम आने वाली पीढ़ियों को उनके पद चिन्हों पर चलने के लिए प्रेरित कर सकें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सुशासन सप्ताह के आयोजन में शासन के विभिन्न विभाग भागीदार बने थे। प्रदेश में इसके माध्यम से 02 लाख 59 हजार से अधिक लोक शिकायतों का निस्तारण किया गया। इस मामले में उत्तर प्रदेश को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। मण्डल, मुख्यालय तथा तहसील स्तर पर भी इस अवसर पर 16,223 कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। सुशासन सप्ताह के अवसर पर 09 लाख 06 हजार 800 से अधिक सर्विस डिलीवरी के आवेदन निस्तारित किए गए। इसमें 105 गुड गवर्नेंस से सम्बन्धित बेस्ट प्रैक्टिसेज, 105 लोक शिकायतों के निराकरण की सफलता की कहानी, सोशल मीडिया पर 423 ट्वीट, 119 प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो स्टेटमेंट तथा 36 विजन डॉक्यूमेंट डिस्ट्रिक्ट/100 अपलोड किए गए। यह सभी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, मिशन कर्मयोगी, सुशासन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व मशीन लर्निंग, साइबर सिक्योरिटी, सूचना का अधिकार का महत्व, नागरिकों को समयबद्ध रूप से सेवाएं उपलब्ध कराए जाने हेतु प्रख्यापित किए गए जनहित गारण्टी अधिनियम की उपयोगिता, शासकीय खरीद में पारदर्शिता हेतु गवर्नमेंट ई मार्केट प्लेस (जेम पोर्टल) तथा मानव सम्पदा पोर्टल आदि विषयों पर आधारित थे। इन सभी आयोजनों के पश्चात हम इस मुख्य महोत्सव से जुड़े हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि आप सभी ने यहां सुश्री स्नेहा तिवारी के काव्य पाठ को सुना। उन्होंने काव्य पाठ प्रतियोगिता में लखनऊ जनपद में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। वह महाराजा बिजली पासी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, लखनऊ की छात्रा हैं। नवयुग कन्या डिग्री कॉलेज की छात्रा सुश्री शाम्भवी शुक्ला ने काव्य पाठ प्रतियोगिता में दूसरा तथा खुन-खुन जी महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय की छात्रा सुश्री विदुषी मिश्रा को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। भाषण प्रतियोगिता में श्री मोहम्मद फिरोज को पहला, नेशनल पी0जी0 कॉलेज की छात्रा सुश्री मृणाली दीक्षित को द्वितीय तथा नेता जी सुभाष चन्द्र बोस राजकीय महिला महाविद्यालय की छात्रा सुश्री माही बाजपेयी को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है।
निबन्ध लेखन में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की छात्रा सुश्री सुप्रिया दीक्षित को प्रथम, बक्शी का तालाब इंटर कॉलेज लखनऊ की छात्रा सुश्री हर्षिता सिंह को द्वितीय तथा सेंट क्लेयर्स कॉन्वेंट कॉलेज की छात्रा सुश्री साक्षी पांडे को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है। आज इन सभी को यहां पर सम्मानित किया गया है। यह कार्यक्रम इसी रूप में प्रदेश के प्रत्येक जनपद में आयोजित किया जा रहे हैं, जहां प्रभारी मंत्री तथा अन्य जनप्रतिनिधिगण इस आयोजन के साथ जुड़े हुए हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सुशासन के लिए सुरक्षा का भाव आवश्यक है। बिना जन सहभागिता के सुरक्षा का भाव सम्भव नहीं हो सकता। हमें अपने घर के अन्दर से सुरक्षा का भाव उत्पन्न करना होगा। यदि व्यक्ति घर में सुरक्षित है, तो सामुदायिक सुरक्षा का भाव स्वतःस्फूर्त रूप से आगे बढ़ता हुआ दिखाई देगा। इसके लिए शासन तथा प्रशासन को मजबूत करना होगा। श्रद्धेय अटल जी तथा प्रधानमंत्री जी से प्रेरणा प्राप्त करते हुए प्रदेश सरकार ने अपराध, अपराधियों, भ्रष्टाचार तथा भ्रष्टाचारियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनायी है। यही दो मुद्दे सुशासन की नींव को मजबूती प्रदान करते हैं। सरकार इस दिशा में निरन्तर कार्य कर रही है। अटल जी ने अपने शासनकाल में इन मुद्दों पर बहुत मजबूती से कार्य किया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अटल जी ने कविता के माध्यम से व्यक्त किया है कि ‘आदमी को चाहिए कि वह जूझे, परिस्थितियों से लड़े, एक स्वप्न टूटे तो दूसरा गढ़े’। उन्होंने कहा था कि ‘एक पांव रखकर ही वामन भगवान ने धरती को जीता था, धरती ही धारण करती है, कोई उस पर न भार बने, मिथ्या अभिमान से न तने’। अटल जी की यह पंक्तियां प्रत्येक भारतीय को प्रेरित करती हैं। अटल जी ने जो नींव रखी थी, उस नींव पर प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में नए भारत का निर्माण हो रहा है। देश वर्ष 2047 में 140 करोड़ देशवासियों की आकांक्षाओं की पूर्ति का भारत बनेगा। इस अवसर पर श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के जीवन पर आधारित एक लघु फिल्म प्रदर्शित की गई।
उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य व श्री ब्रजेश पाठक तथा विधान परिषद सदस्य श्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।
कार्यक्रम में मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह ने स्वागत उद्बोधन किया।
इस अवसर पर पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री श्री धर्मपाल सिंह, उद्यान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिनेश प्रताप सिंह, कृषि राज्य मंत्री श्री बलदेव सिंह ओलख, राज्य सभा सदस्य श्री दिनेश शर्मा, प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन श्री के0 रवीन्द्र नाईक, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री एम0पी0 अग्रवाल सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
Source: http://up.gov.in
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