
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने दिल्ली के विकास और वैश्य समाज की वृद्धि पर अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने नई दिल्ली में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन में अपने विचार व्यक्त किए। कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में हुए इस कार्यक्रम में उन्होंने वैश्य समाज के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की और कहा कि उन्हें मिली सहायता और आशीर्वाद से पूरा समाज गर्व कर रहा है। उन्हें बताते हुए कि वे दिल्ली विश्वविद्यालय की पहली वैश्य समाज की बेटी थीं, जो प्रेसिडेंट बनीं, उन्होंने अपने संघर्षों और जीत की कहानी बताई।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि जब उन्होंने चुनाव लड़ने का निर्णय लिया, उनकी मां ने इसे बनियों के लिए अच्छा नहीं माना, लेकिन उनके पिता ने उनका पूरा साथ दिया। उन्होंने कहा, “अगर हर घर में ऐसे पिता होंगे, तो बेटियों को सम्मान और अवसर मिलना शुरू हो जाएगा,।
समाज को सुधारने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि वैश्य समाज की बेटियां आगे आकर समाज की प्रतिष्ठा बढ़ाएंगी। उनका कहना था कि वे अपने कार्यकाल में ईमानदारी और समाजसेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता देंगे। उन्होंने कहा, “कहीं भी दामन पर दाग नहीं होना चाहिए, बल्कि निस्वार्थ भाव से समाज के लिए काम करना चाहिए,।
मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर एक बोर्ड लगाया जाएगा, जिस पर लिखा होगा “आशीर्वाद ही पर्याप्त है, कोई चीज लाने की जरूरत नहीं है।”उन्होंने सेवाभाव और पारदर्शिता का संदेश दिया।
दिल्ली की विकासवादी प्रतिबद्धता
अपने भाषण में, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं और दिल्ली के विकास की चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है दिल्ली को विकसित बनाना, और यह सिर्फ समारोहों में शामिल होने से नहीं होगा, बल्कि हमें जमीन पर काम करना पड़ेगा।”
उन्हें यह भी कहा कि जब भविष्य में किसी वैश्य समाज के व्यक्ति को नेतृत्व का मौका मिलेगा, तो लोग उम्मीद करेंगे कि वह अच्छी तरह से काम करेगा। इससे समाज की पहचान और ब्रांडिंग भी होगी।
व्यापारियों से चर्चा करके भविष्य की योजना बनाना
बजट सेशन के दौरान रेखा गुप्ता ने व्यापारियों से सीधा सवाल किया, “क्या लाए हो और क्या ले जाओगे?”दिल्ली के व्यापार और विकास को बढ़ाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है, उन्होंने आश्वासन दिया।
अंत में, उन्होंने लोगों से कहा, “ऐसा ही आशीर्वाद बनाए रखें। आपकी बेटी आपका नाम दुनिया भर में रोशन करे, यही आशीर्वाद दें। यह भाषण वैश्य समाज में नई ऊर्जा और भरोसा लाया। उनका कहना है कि वे सिर्फ पद पर नहीं बैठेंगे, बल्कि पूरी निष्ठा से दिल्ली के समाज और विकास में काम करेंगी।
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