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Delhi News: स्वास्थ्य सचिव ने एलजी कार्यालय की सहायता से दिल्ली हाईकोर्ट में झूठा हलफनामा प्रस्तुत किया; केजरीवाल सरकार का बड़ा आरोप

Delhi News: सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 2023 से कानून विभाग और उन्होंने कई बार कहा है कि यदि विभाग से कोई हलफनामा दिया जाता है तो मंत्री की अनुमति ली जाए, क्योंकि जवाबदेही मंत्री की होती है।

Delhi News: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सचिव पर हाईकोर्ट में झूठा हलफनामा दाखिल करने का आरोप लगाया है। मंगलवार को सौरभ भारद्वाज ने कहा कि स्वास्थ्य सचिव ने बिना उनकी जानकारी के गोपनीय हलफनामा दाखिल किया है। उपराज्यपाल के अधीन आने वाले सेवा विभाग की स्टैंडिंग काउंसिल ने ने मदद की है।

स्वास्थ्य मंत्री ने आरोप लगाया कि हलफनामे में दवा और अस्पतालों की कमी को छिपाया गया, ताकि मरीजों को परेशान किया जा सके। यह हलफनामा जानबूझकर स्वास्थ्य मंत्री को फंसाने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर 2017 से हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है।

हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली में सभी अस्पतालों में मरीजों के इलाज और आईसीयू बेड के लिए सभी सुविधाएं होनी चाहिए। दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में अदालत में कई बार हलफनामे दाखिल किए हैं। भारद्वाज ने कहा कि मामले को जानने पर उन्होंने हाईकोर्ट में हलफनामा दिया। इसमें बताया गया कि अस्पतालों के महत्वपूर्ण मुद्दों को जानबूझकर छिपाया जा रहा है। हाईकोर्ट के पास केवल द्वितीय स्तर की समस्याएं हैं। डॉक्टरों, स्पेशलिस्टों, पैरामेडिकल स्टाफ और टेक्निशियन की भारी कमी अस्पतालों में आईसीयू और ऑपरेशन थिएटर से संबंधित सबसे बड़ी समस्याओं का सबसे बड़ा कारण है।

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हाईकोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए डॉ. सरीन की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई, जो अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंप दी। इस रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कमेटी की सिफारिश के अनुसार कार्य करने का आदेश दिया। हाईकोर्ट ने 24 मई 2024 को दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग से पूछा कि सरकार ने डॉक्टर सरीन की कमेटी की सिफारिश पर अब तक क्या किया है। दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में हाईकोर्ट को हलफनामा भेजा था, लेकिन वे स्वास्थ्य मंत्री होने के बावजूद उन्हें हलफनामा नहीं दिखाया गया और उसकी अनुमति नहीं ली गई।

मंत्री बोले, कई बार कहने के बाद भी अनुमति नहीं ली

भारद्वाज ने कहा कि 2023 से कानून विभाग और उन्होंने कई बार कहा है कि यदि विभाग से कोई हलफनामा दिया जाता है तो मंत्री की अनुमति ली जाए, क्योंकि मंत्री जिम्मेदार है। इसके बाद भी बिना उनकी सूचना के यह हलफनामा हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया गया। यह दिलचस्प है कि दिल्ली सरकार की स्टैंडिंग काउंसिल नहीं बल्कि सर्विसेज विभाग की स्टैंडिंग काउंसिल ने हलफनामा हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया है। सौरभ ने कहा कि यह घोषणा झूठी थी। यदि दिल्ली सरकार के वकील से दायर किया जाता तो वह विभाग के मंत्री से अनुमति लेते।

न्यायपालिका को धोखा देने वाले मंत्री: राजनिवास

राजनिवास ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज की प्रेसवार्ता में दी गई जानकारी पर आपत्ति जताई है। राजनिवास ने कहा कि मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक बार फिर भ्रामक और झूठा बयान दिया है, इस बार दिल्ली के लोगों को और न्यायपालिका को गुमराह करने के लिए। स्वास्थ्य मंत्री के बयान पर सचिवालय स्पष्ट प्रतिक्रिया देगा।

जनता ‘आप’ की असलियत समझ चुकी : भाजपा

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि ‘आप’ के मंत्री हताश नजर आ रहे हैं। उन्हें लगता है कि अफसर झूठ बोल रहे हैं। दिल्लीवासियों ने उनके कार्यकाल में मोहल्ला क्लीनिक में जांच से जुड़े घोटाले देखे हैं। इसके अलावा, सरकारी अस्पतालों के काउंटरों से नकली दवा दी गई है। अब लोगों ने उनकी असलियत समझी है।

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