Delhi News: तीन यूपीएससी विद्यार्थियों की दिल्ली के कोचिंग सेंटर में मौत के मामले में शुक्रवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। उच्च स्तरीय जांच की मांग को लेकर दायर PIL पर सुनवाई में कोर्ट ने की महत्वपूर्ण टिप्पणी की।
Delhi News: दिल्ली के कोचिंग सेंटर में तीन यूपीएससी विद्यार्थियों की मौत के मामले में हाई कोर्ट में एक बार फिर सुनवाई हुई। उच्च स्तरीय जांच की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कई महत्वपूर्ण टिप्पणी कीं। एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन की अगुआई वाली बेंच ने दिल्ली की व्यवस्था और शहर की बढ़ती आबादी में कई कमियों का भी उल्लेख किया। जज ने यह भी कहा कि सब्सिडी से दिल्ली की आबादी लगातार बढ़ रही है। एक्टिंग चीफ जस्टिस ने सरकार को भी मुफ्त योजनाओं को लेकर नसीहत दी।
हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस ने कहा, ‘आज दिल्ली की आबादी 3.3 करोड़ है और संख्या लगातार बढ़ रही है क्यों? क्योंकि दिल्ली में सब्सिडी दी जाती है ये बड़े नीतिगत निर्णय हैं। दिल्ली की दिशा हम जानते हैं। इस विषय पर चर्चा करने की जरूरत है। कोर्ट ने कहा, “दिल्ली के प्रशासकों को मानसिकता बदलनी चाहिए, यदि मानसिकता यह है कि सब कुछ मुफ्त होना चाहिए..।” हर चीज मुफ्त नहीं हो सकती। कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की निशुल्क स्कीमों पर भी चर्चा की थी। कोर्ट ने फिर कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए धन कहां से आएगा क्योंकि सरकार लोगों से टैक्स नहीं लेना चाहती है।
कोर्ट ने दिल्ली की सरकारी प्रणाली पर भी कई सवाल खड़े किए और कहा कि बहुत से अथॉरिटीज हैं, लेकिन कोई जवाबदेही नहीं लेता। सुनवाई के दौरान एक्टिंग चीफ जस्टिस ने एमसीडी के कामकाज और दिल्ली में अतिक्रमण पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा, “पानी आपके या मेरे घर घुस सकता है। यमुना को भी अतिक्रमण करना दिल्ली की समस्या है। दिल्ली के आम लोगों का मानना है कि यमुना बहती रहेगी, चाहे अतिक्रमण हो या नहीं।’
जस्टिस मनमोहन ने कहा कि केंद्रीय दिल्ली में अतिक्रमण करके इमारतें बनाई जा रही हैं। ये दिल्ली के केंद्र में हो रहे हैं। उन्होंने कहा, “जब हम इन्हें गिराने का आदेश देते हैं, आप छत में फुटबॉल के बराबर का छेद करके छोड़ देते हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि समय आ चुका है कि दिल्ली के प्रशासनिक, आर्थिक और इन्फ्रास्ट्रक्चर के ढांचे की दोबारा जांच की जाए।