Delhi News: मनीष सिसोदिया पर गंभीर आरोप, एकतरफा हेडलाइन बनाने के लिए CBI ने…

Delhi News: आतिशी ने भी इस मामले पर बात रखते हुए कहा, अरविंद केजरीवाल जी जल्द जेल से बाहर आएंगे और BJP के सभी षड्यंत्रों को विफल करेंगे।

Delhi News: आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने सीबीआई पर अरविंद केजरीवाल के खिलाफ सूचना लीक करने का आरोप लगाया। सिसोदिया ने तंज कसते हुए कहा कि सीबीआई केजरीवाल को जेल में डालने के लिए भाजपा की चाल पर नाच रही है। मनीष सिसोदिया ने कहा कि सीबीआई अदालत में जाती है और कहती है कि जमानत याचिका पर हमारा उत्तर तैयार नहीं है, इसलिए सुनवाई चौबीस दिनों के लिए टाल दी जानी चाहिए। उधर मीडिया में उसी दिन सीबीआई का जवाब लीक कर दिया जाता है ताकी अगले दिन यह एक तरफा हेडलाइन हो सके।

साथ ही, आतिशी ने बीजेपी और सीबीआई को निशाना साधा। सुप्रीम कोर्ट में आतिशी ने कहा कि CBI ने जवाब देने के लिए दो हफ्ते का समय मांगा था, लेकिन दो हफ्ते बाद कहा कि हमें जवाब देने के लिए अधिक समय चाहिए। लेकिन BJP की सीबीआई पोल को अखबार में दिये गये CBI के एफिडेविट ने ही खुलासा किया। CBI अखबारों और मीडिया में एफिडेविट देती है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में नहीं क्योंकि उन्हें अरविंद केजरीवाल को जेल में डालना है। उन्होंने कहा, मैं, BJP को कहना चाहती हूं कि जीत हमेशा सच्चाई की होती है, अरविंद केजरीवाल जी जल्द जेल से बाहर आयेंगे और BJP के सभी षड्यंत्रों को विफल करेंगे।

उससे पहले, शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का बचाव करते हुए कहा कि यह आवश्यक था क्योंकि उन्होंने कथित आबकारी नीति घोटाले में अपनी भूमिका से जुड़े सवालों के जवाब में “टालमटोल और असहयोग” का रास्ता चुना था। केजरीवाल ने केंद्रीय निकाय द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी है। इस याचिका के जवाब में सीबीआई ने दायर अपने विस्तृत हलफनामे में आरोप लगाया कि अब रद्द कर दी गई आबकारी नीति के निर्माण में सभी महत्वपूर्ण निर्णय उनके इशारे पर तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मिलीभगत से लिए गए थे।

सीबीआई ने दावा किया कि केजरीवाल मामले को “राजनीतिक रूप से सनसनीखेज” बनाने की कोशिश कर रहे थे, कहा कि वह आबकारी नीति के निर्माण और क्रियान्वयन में आपराधिक साजिश में शामिल थे और 26 जून को उनकी गिरफ्तारी जांच के न्यायोचित परिणाम के लिए आवश्यक थी। हलफनामे में कहा गया है, “गिरफ्तारी की आवश्यकता रिकॉर्ड में मौजूद सामग्री के आधार पर भी उत्पन्न हुई और चूंकि याचिकाकर्ता ने 25 जून को अपनी पूछताछ के दौरान टालमटोल और असहयोग करने का विकल्प चुना।”

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