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क्या बीजेपी ने चुनावी बॉन्ड से लाभ उठाया? 2022-23 में किसे कितनी धनराशि मिली?

चुनावी बॉन्ड को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक ठहराया है और इसे रद्द कर दिया है। केंद्रीय सरकार को इससे भारी नुकसान हुआ है। 2018 में मोदी सरकार ने योजना को लागू किया था। 2019 से सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को इसके बारे में सूचना देने का आदेश दिया है। इसके अलावा, चुनाव आयोग से सभी राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे को अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करने की मांग की गई है। कारोबारी घरानों से लेकर बहुत से अन्य लोग चुनावी चंदा देते रहे हैं। 2022-23 में किस पार्टी को कितनी राशि मिली?

2022–2023 में किस दल को कितना समर्थन मिला?

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को कुल 720 करोड़ रुपये दान दिए गए। इसमें चंदा के रूप में 20 हजार से अधिक रुपये देने वाले लोगों के नाम भी शामिल हैं। 2021-22 की तुलना में 2222-23 में बीजेपी को 17.1% अधिक चंदा मिला। 2022-23 में कांग्रेस को 79.9 करोड़ रुपये का चंदा मिला था। 21–22 में उसे 16.3% कम चंदा मिला। 2121-22 में कांग्रेस को 95.4 करोड़ रुपये चंदा प्राप्त हुआ था।

2022-23 में विभिन्न राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग को जो चंदा दिया था, उसने कहा कि बीजेपी को 719.8 करोड़ रुपये मिले। 2021-22 में भगवा दल को 614.5 करोड़ रुपये चंदा दिए गए। बीजेपी ने प्रोफेशनल इलेक्टोरल ट्रस्ट से 254.7 करोड़ रुपये प्राप्त किए थे। (कुल चंदे का 35%) इसके अलावा इंजीगार्टिग इलेक्टोरल ट्रस्ट ने पार्टी को आठ लाख रुपये चंदा दिए। गौरतलब है कि इसमें पार्टियों को इलेक्टोरल बॉन्ड से मिलने वाले चंदे की जानकारी देने की आवश्यकता नहीं होती है।

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