Farmers Protest: केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों ने फिर से दिल्ली कूच की तैयारी की, आज की बैठक पर ध्यान

Farmers Protest: केंद्र सरकार के खिलाफ एक बार फिर किसानों ने आंदोलन शुरू किया है। 13 फरवरी को पंजाब के कई जिलों से किसान दिल्ली जाने के लिए तैयार हैं। किसान आज अमृतसर के ब्यास से फतेहगढ़ साहिब जा रहे हैं। किसान आज फतेहगढ़ साहिब में जुट रहे हैं। लगभग 300 ट्रैक्टर-ट्रालियां बिसा से अनाज, पानी और बिस्तर लेकर चल रही हैं। किसानों ने कहा कि अगर बैठक में कोई निर्णय नहीं लिया गया तो सारा सामान दिल्ली भेजा जाएगा।

किसानों का संघर्ष अपने मार्ग पर बढ़ता जाता है। मुख्यमंत्री किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि वे आज ब्यास से फतेहगढ़ साहिब की ओर जा रहे हैं। कृषक अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत हैं। उनके पास एमएसपी गारंटी कानून है, जिसमें गन्ने को सी200 के साथ जोड़ा जाना चाहिए और 60 साल की उम्र में 10,000 रुपये प्रति महीना दिया जाना चाहिए। महासचिव पंधेर ने कहा कि किसान भारत के हर कोने से दिल्ली आ रहे हैं और अपनी मांगों को पूरा कर रहे हैं। किसानों में से अधिकांश पंजाब, हरियाणा, बिहार, तमिलनाडु, मधय प्रदेश और राजस्थान से दिल्ली आते हैं।

किसानों ने बताया कि पंजाब के CM मान से 8 फरवरी को चंडीगढ़ में बैठक हुई थी। जिसमें कुछ मांगों पर समझौता हुआ था। किसानों की शिकायतों को वापस लेने, नकली बीजों और स्प्रे कंपिनयों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने सहित विभिन्न मांगों पर सहमति हुई। किसानों का कहना है कि एमएसपी, जिस पर अभी तक कोई समझौता नहीं हुआ है, उनका मुख्य मुद्दा है। 13 को दिल्ली जाने से पहले जो बैठक बुलाई गई है, उसमें एमएसपी को लेकर कोई समझौता नहीं हुआ है, इसलिए वह 13 को दिल्ली रवाना हो जाएगा।

किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सचिव पंधेर ने कहा कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने निकले हैं। इस दौरान कोई दुर्घटना होने पर सरकार जिम्मेदार होगी। उनका कहना था कि ट्रेक्टर बेरीकेड लेकर कभी किसी की जान नहीं लेता। किसान संगठनों ने कहा कि आज केंद्र सरकार की चंडीगढ़ की बैठक में सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। इसके बाद अगले कदम की योजना बनाई जाती है। पूर्व में श्री दरबार साहिब में अरदास की गई थी। साथ ही देश के किसान नेताओं को 13 तारीख को दिल्ली में मिलने का न्योता दिया गया है। उनका कहना था कि मोर्चा तब तक जारी रहेगा जब तक केंद्र सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती।

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