Farmers Protest
Farmers Protest: चंडीगढ़ के किसान भवन में सोमवार को 18 किसान संगठनों के नेता मौजूद हैं। इस स्थान पर किसान आंदोलन की रणनीति बनाई जा रही है।
उत्तर भारत के किसानों ने एक बार फिर एक बड़े आंदोलन की तैयारी की है। इस बार रणनीति बनाई जा रही है: आंदोलन कब शुरू होगा और पंजाब और केंद्र सरकार को कैसे घेरेंगे। 18 किसान संगठनों के नेता सोमवार को चंडीगढ़ में मिलेंगे। किसान बैठक के बाद आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे। चंडीगढ़ के किसान भवन में किसानों की एक सभा हो रही है। बाद में किसान संगठन एक प्रेस वार्ता करके आंदोलन की जानकारी देंगे।
केंद्रीय सरकार को किसान नेता न्यूनतम मूल्य दे सकते हैं। किसान नेताओं का कहना है कि किसान आंदोलन के दौरान उनसे किए गए वादे अभी तक नहीं पूरे हुए हैं। सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसानों की राज्यों की सरकारों से कुछ अन्य मांगें भी बताई जा सकती हैं।
किसानों ने कृषि कानूनों को लेकर किया था आंदोलन
Farmers Protest: किसानों ने जून 2020 में बीजेपी की केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन चलाया जब वे तीन नए कृषि कानून बनाए। नवंबर में दिल्ली की सीमा पर धरना शुरू हुआ। किसानों ने इस दौरान सरकार से कई बार चर्चा की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। 26 जनवरी को किसानों ने दिल्ली में भी ट्रैक्टर मार्च किया, जिसमें लाल किले पर हिंसा हुई। सरकार को अंततः झुकना पड़ा और 19 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने कानूनों को वापस लेने की घोषणा की। किसानों का कहना है कि उस समय उनसे किए गए वादे पूरे नहीं किए गए, इसलिए वे बार-बार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हैं।
पंजाब में गन्ने के रेटों को बढ़ाने के लिए किया था प्रदर्शन
Farmers Protest: किसानों ने अभी कुछ दिन पहले पंजाब में गन्ने की कीमतों को बढ़ाने के लिए भगवंत मान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था। कई हाईवे और रेलवे ट्रेकों पर भी धरना था। बाद में सीएम मान ने किसानों से मुलाकात की और उन्हें गन्ने की कीमतों को बढ़ाने का वादा किया, जिसके बाद किसान धरने से हटने को राजी हुए।