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G 20 सम्मेलन 2023: “देसी चिकित्सा पद्धति” का ग्लोबल समर्थन दुनिया भर में बजेगा

देसी चिकित्सा पद्धति: G 20 सम्मेलन 2023 समाप्त हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम से देसी चिकित्सा पद्धति पर चर्चा की..।

देसी चिकित्सा प्रणाली को अपनाया विश्व खेल नई दिल्ली: G20 की अध्यक्षता के दौरान भारत ने पारंपरिक चिकित्सा का महत्व देशों को बताया है। वैश्विक स्तर पर इस चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के प्रयासों को समर्थन मिला है। इसे G20 नई दिल्ली घोषणापत्र में भी शामिल किया गया है। यह कहा गया है कि साक्ष्य आधारित पारंपरिक और पूरक चिकित्सा के महत्व को समझा जाएगा। डब्ल्यूएचओ के वैश्विक और सहयोग केंद्रों पर इस दिशा में परीक्षण होते रहेंगे। बीमारियों पर पारंपरिक चिकित्सा का प्रभाव परीक्षण किया जाएगा। भारत में यह उपचार बहुत लोकप्रिय है। यहां इलाज के लिए दूसरे देशों से भी लोग आ रहे हैं।

कोविड-19 महामारी के बाद, भारत पारंपरिक चिकित्सा पर जोर दे रहा है। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शिखर सम्मेलन के निष्कर्षों को ‘गुजरात घोषणा’ कहा है। घोषणापत्र में यह भी कहा गया है कि विदेशों में स्वास्थ्य और वित्त मंत्रालयों का बेहतर सहयोग होना चाहिए। यह दोनों मंत्रालयों के बीच बेहतर तालमेल से महामारी की रोकथाम और बचाव की तैयारियों को बल मिलेगा। टास्क फोर्स ने 2024 में वित्त और स्वास्थ्य मंत्रियों से इसकी प्रगति की रिपोर्ट मांगी है। विकसित देशों को विकासशील देशों की सहायता करने के लिए आगे आना चाहिए।

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घोषणापत्र में मनोसामाजिक सहायता और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को बढ़ावा देने की अपील की गई है। भारत ने G20 प्रेसिडेंसी की थीम ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के अनुरूप सभी देशों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा, वैक्सीन और दवा के अध्ययन पर भी चर्चा हुई है। स्वास्थ्य क्षेत्र में रिसर्च का बहुत महत्व है, जिससे पूरी दुनिया लाभ उठाती है। स्वास्थ्य सेवाओं को गरीब से गरीब तक डिजिटल पहल से पहुंचाने के लिए सबको मिलकर काम करना होगा। विकासशील देशों को सस्ती, प्रभावी और सुरक्षित टीके मिल सकें। समान पहुंच की बात अन्य चिकित्सा विधियों में भी लागू की जाए।

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