Goga Navami 2024: गोगा नवमी आज, महत्व और पूजाविधि जानिए
Goga Navami 2024: गोगा जी को सर्प देवता के रूप में पूजा जाता है और कहा जाता है कि उनकी पूजा करने से सर्पदंश से सुरक्षा मिलती है। इस दिन, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में विशेष रूप से गोगा जी की पूजा की जाती है।
Goga Navami 2024: गोगा नवमी, जिसे गुग्गा नवमी भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो विशेष रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है। वीर गोगा जी महाराज, जिन्हें जाहरवीर गोगा जी के नाम से भी जाना जाता है, की याद में मनाया जाता है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को यह दिन आता है। गोगा जी को सर्प देवता के रूप में पूजा जाता है और कहा जाता है कि उनकी पूजा सर्पदंश से बचाता है। इस दिन, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में विशेष रूप से गोगा जी की पूजा की जाती है।
गोगा जी का इतिहास और उसकी भूमिका
गोगा राजस्थान के ददरेवा गाँव में एक चौहान राजपूत परिवार में पैदा हुआ था। उन्हें लोक देवता के रूप में पूजा जाता है, और उनका जीवन संघर्षों और वीरता का प्रतीक है। गोगा जी ने सर्पों से लोगों को बचाने के लिए अपना जीवन समर्पित किया था। माना जाता है कि गोगा जी ने दिव्य शक्ति से सर्पों को नियंत्रित किया था। उनकी अद्भुत शक्ति के कारण उन्हें सर्पों का देवता मानकर पूजा गया। गोगा नवमी के दिन उनकी पूजा सर्पदंश से बचाता है और सुख-समृद्धि लाता है।
पूजा प्रक्रिया
गोगा नवमी के दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनते हैं। हल्दी, रोली, चावल, धूप, दीप, पुष्प और मिष्ठान्न सब गोगा जी की पूजा में प्रयोग किए जाते हैं। गोबर से पूजास्थल को लीपकर स्वास्तिक का चिन्ह बनाया जाता है।पहले गोगा जी की प्रतिमा या मूर्ति को स्थापित कर जल अर्पित करते हैं। हल्दी, रोली और चावल से तिलक लगाकर पुष्प अर्पित किए जाते हैं।
गोगा जी को धूप और दीपक जलाकर आरती की जाती है और मिष्ठान्न भोग लगाया जाता है। गोगा जी की स्तुति विशेष मंत्रों से की जाती है। इस दिन विशेष रूप से चूरमा, गोगा जी को भोग और प्रसाद के रूप में अर्पित किया जाता है। गोगा जी की कथा का वाचन भी किया जाता है, जिसमें उनके जीवन के संघर्षों और चमत्कारों का वर्णन होता है। गोगा नवमी के अवसर पर लोग सांपों के संरक्षण के लिए गोगा जी से प्रार्थना करते हैं और उन्हें दूध का भोग अर्पित करते हैं।
गोगा जी की विशेष मान्यता
गोगा नवमी के दिन भक्त गोगा जी से सर्पदंश से बचाने की प्रार्थना करते हैं। गोगा जी की पूजा करने से न केवल सर्पदंश से बच सकते हैं, बल्कि जीवन में सुख और शांति भी आती है। यह पर्व हमें सिखाता है कि सच्ची भक्ति और ईमानदारी से किए गए कार्यों का फल अवश्य मिलता है।