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राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे: राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के चतुर्दश दीक्षांत समारोह आयोजित

राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने कहा कि युवा मानवीय मूल्यों के साथ प्रौद्योगिकी विकास में आगे बढ़ें

राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री हरिभाऊ बागडे ने कहा 2047 में भारत की आजादी का सौ वर्ष पूरा होगा। इस समय तक भारत को हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करना चाहिए। हम सब मिलकर सबका विकास करना चाहते हैं। उन्होंने युवा लोगों से कहा कि विकसित भारत के लक्ष्यों की पूर्ति में देश को और बेहतर मुकाम पर ले जाने का महत्वपूर्ण दायित्व उनके कंधों पर है। उनका कहना था कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और रोबोटिक्स आज की तकनीक हैं। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने ज्ञान का उपयोग नवाचार और उद्यमिता के लिए भी करें। साथ ही, मानवीय मूल्यों का पालन करते हुए प्रौद्योगिकी का विकास करें।

मंगलवार को राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के चतुर्दश दीक्षांत समारोह में राज्यपाल श्री बागडे ने भाषण दिया। राज्यपाल ने कहा कि भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी में बहुत आगे रहा है। नई शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि यह विद्यार्थियों के समग्र विकास पर आधारित है। इसमें बौद्धिक क्षमताओं के विकास पर अधिक जोर है, जिसके परिणाम लगभग पंद्रह वर्ष बाद दिखाई देंगे। यह समय ज्ञान के लिए है। जीवन में सफलता के लिए केवल पाठ्यपुस्तकों को पढ़ना पर्याप्त नहीं है।

इस अवसर पर 20 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और 36 पीएचडी डिग्री, 9521 डिग्री, 1 कुलाधिपति और 1 कुलपति स्वर्ण पदक मिले। उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को राज्यपाल और कुलाधिपति ने उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं और भारत को विश्वगुरु के पद पर पुनःआसीन करने का आह्वान किया।

गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. रमा शंकर दुबे ने दीक्षान्त समारोह में कहा कि युवाओं में देश बदलने का सामर्थ्य है। इसके लिए वे पूर्ण आत्मविश्वास, प्रतिबद्धता, साहस, परिश्रम और समर्पण के साथ आगे बढ़ें। साथ ही, उन्होंने विद्यार्थियों को महापुरूषों से प्रेरणा लेने का आह्वान करते हुए सफलता के मंत्र भी बताए।

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