Hanuman Jayanti 2025: हिंदू नववर्ष की पहली पूर्णिमा कब है? क्या हनुमान जयंती भी इसी दिन है? जानिए

Hanuman Jayanti 2025: हिंदू नववर्ष की पहली पूर्णिमा से हनुमान जयंती के रूप में मनाते हैं। इस दिन शिव और चाँद की पूजा की जाती है। हनुमान जी की निस्वार्थता और भक्ति को अपनाएं।
Hanuman Jayanti 2025: हिंदू धर्म में माना जाता है कि इस व्रत को करने से शुभ फल मिलते हैं। इस दिन हनुमान जी की पूजा करने के अलावा व्रत भी रखा जाता है। यदि आपको भी पता है कि चैत्र पूर्णिमा और हनुमान जयंती का क्या संबंध है, तो आइए जानते हैं।
हिंदू नववर्ष की पहली पूर्णिमा चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा होती है। यह चैती पूनम या चैत्र पूर्णिमा भी कहलाता है। चंद्रमा आज पूरी तरह से चमकता है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी दोनों की विशेष पूजा की जाती है।
पूर्णिमा पर भी हनुमान जयंती है, इसलिए हनुमानजी की कृपा मिलेगी। हिंदू लोग इसे नए साल की पहली पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं के साथ निकलता है, जो अमृत की तरह हैं। साथ ही, जब चंद्रमा पृथ्वी के करीब आता है, तो वह बड़ा और चमकदार लगता है। हनुमान जी का जन्म इस दिन हुआ था, ऐसा माना जाता है। इसलिए हनुमान जी का जन्मदिन हनुमान जयंती कहलाता है। इस दिन हनुमान जयंती का शुभ अवसर मनाए जाने के कारण इसका महत्व बढ़ जाता है। यह मान्यता है कि इस दिन व्रत रखकर हनुमान जी की पूजा करने से व्यक्ति की इच्छा पूरी होती है और दुःख से छुटकारा मिलता है। आइए चैत्र पूर्णिमा हनुमान जयंती की तारीख, शुभ मुहूर्त और विधि को जानें।
तारीख व मुहूर्त: 12 अप्रैल की सुबह 03:21 से 13 अप्रैल की सुबह 05:51 तक
पूजा विधि:
- सुबह उठकर जल्दी स्नान करें।
- भगवान को धूप, दीपक, फूल, माला, रोली, चंदन, पान आदि दें।
- भगवान विष्णु की पूजा करने के लिए घी का दीपक जलाएं।
- गंगाजल की पूजा करें।
- भगवान विष्णु की आरती करें और मंत्र जाप करें।
- तुलसी डालकर खीर का भोग लगाएं.
- रात में चंद्रमा को कच्चा दूध दें।
- व्रत का पारण करें.
हनुमान जयंती का संदेश है कि हमें भगवान हनुमान की तरह वफादार, साहसी और निस्वार्थ होना चाहिए। भगवान हनुमान का ज्ञान हमें अपने जीवन में अपनाना चाहिए और उनकी तरह सेवा, भक्ति और निस्वार्थता का मार्ग अपनाना चाहिए।
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