Haryana के पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह
Haryana के पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह को चंडीगढ़ कोर्ट ने जूनियर महिला कोच के सेक्शुअल हैरेसमेंट केस में बड़ी राहत दी है। संदीप सिंह की अग्रिम जमानत याचिका को कोर्ट ने मंजूर कर लिया है। जूनियर महिला कोच ने न्यायालय की इस निर्णय पर सख्त प्रतिक्रिया दी है। महिला कोच ने कहा कि वह पंजाब Haryana हाईकोर्ट में इस फैसले को चुनौती देगी।
गुरुवार को दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद चंडीगढ़ कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। मंत्री की अग्रिम जमानत याचिका पर चंडीगढ़ पुलिस की SIT ने अपने जवाब में जमानत नहीं मिलने की दलील दी है। SIT ने कहा कि संदीप सिंह की जमानत का कोई आधार नहीं है, इसलिए जमानत याचिका खारिज कर दी जानी चाहिए।
Haryana मंत्री ने संदीप सिंह की अग्रिम जमानत याचिका के विरोध में कहा गया है कि याची संदीप सिंह ने जानबूझकर मामले से जुड़े तथ्यों को छुपाया है। इसमें तथ्यों को निर्धारित करने में सहायता नहीं करने वाली जानकारी है, जो जांच एजेंसी को प्रभावित करती है। पुलिस नोटिस मिलने के बाद आरोपी 7 जनवरी, 10 फरवरी, 2 जून और 2 अगस्त को पुलिस जांच में शामिल हुआ। उसने पुलिस को दिए बयान और जांच में सामने आए तथ्यों में अंतर है।
10 मार्च को, जांच एजेंसी ने भी आरोपी को लाई डिसेप्शन टेस्ट कराने की अर्जी दी। आरोपी ने 13 अप्रैल को अदालत द्वारा दिए गए अंतिम अवसर पर जवाब देने से इनकार कर दिया। 5 मई को अर्जी का निपटारा हुआ। इससे पता चलता है कि आरोपी ने जांच प्राधिकरण को मदद नहीं की।
दूसरी ओर, अग्रिम जमानत में आरोपी के व्यवहार पर विचार करना सबसे महत्वपूर्ण होता है। लाई डिसेप्शन टेस्ट की मांग पर लंबे समय तक जवाब न देना और फिर मना कर देना बताता है कि आरोपी सही तथ्य छिपा रहा है।
कोच को धन देने का प्रयास किया
दलील में यह भी कहा गया है कि आरोपी चुना हुआ प्रतिनिधि और राज्य मंत्री है। ऐसे में वह लाई डिसेप्शन टेस्ट करवाना था। ऐसे में, पीड़िता पर लगाए गए आरोपों की सच्चाई स्पष्ट हो सकती थी। आरोपी ने पीड़िता को बहकाते हुए पैसे की पेशकश की, जिससे जांच प्रभावित हुई। अपने स्थान से उस पर दबाव डाला। CID ने उस पर नजर रखी और उसे निलंबित कर दिया गया।
कोच की बिना शिकायत पर बनाई गई SIT पीड़िता के खिलाफ मंत्री के प्रभाव में झूठी शिकायत दायर की गई और मामले में कोई FIR नहीं दर्ज की गई। यह सब पीड़िता का शोषण करने और उसे नियंत्रित करने के लिए किया गया था। पीड़िता और उसके परिवार पर भी गैरकानूनी SIT द्वारा दबाव डाला गया। यह सब किया गया था ताकि पीड़िता अपनी शिकायत वापस ले।
यदि आरोपी को अग्रिम जमानत मिलती है, तो यह मुकदमे को भी प्रभावित कर सकता है। वहीं पीड़िता को आरोप वापस लेने पर भी असर डाल सकता है।
खेल मंत्री की व्यक्तिगत पहचान
– 2003 में भारत की हॉकी टीम में चुने गए। 2004 में एथेंस ओलिंपिक में भाग लिया।
– संदीप सिंह ने विश्व में सबसे कम उम्र के हॉकी प्लेयर बनने का खिताब जीता।
– 2005 में जूनियर वर्ल्ड कप में संदीप सिंह ने सबसे अधिक 10 गोल किए और चर्चा में आए।
– 2006 में जर्मनी में हुए हॉकी वर्ल्ड कप में सीनियर टीम में शामिल हुआ।
– हॉकी विश्व कप से पहले संदीप सिंह को ट्रेन में गोली लगी। शरीर का निचला भाग पैरालाइज हो गया।
– तबीयत में सुधार होने पर भारतीय हॉकी फेडरेशन के साथ विदेश गए।
2009 में संदीप सिंह ने सुल्तान अजलान शाह कप में सबसे अधिक गोल करके प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब जीता।
– 2009 में हॉकी टीम ने 13 वर्षों के बाद सुल्तान अजलान शाह कप जीता। टीम का कप्तान संदीप सिंह हुआ।
– उन्हें 2010 में अर्जुन अवॉर्ड मिला। 2011 में विश्व हॉकी फेडरेशन ने विश्व के शीर्ष पांच खिलाड़ियों को नामांकित किया
– संदीप सिंह से 2012 के लंदन ओलिंपिक में बहुत उम्मीदें थीं। संदीप सिंह ने क्वालिफाई मैच के फाइनल में फ्रांस के खिलाफ एक के बाद एक कई विश्व रिकॉर्ड बनाए।
– संदीप सिंह ने 200 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मैचों में 150 से अधिक गोल किए। 2016 में उन्होंने अपना अंतिम इंटरनेशनल मैच खेला था।
– 2018 में उनकी जीवन पर एक फिल्म भी आई, जिसमे दिलजीत दोसांझ ने संदीप का किरदार निभाया।