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Haryana CM Saini: अब सरपंच को बिना किसी टेंडर प्रक्रिया के 21 लाख रुपये तक की परियोजनाएं पूरी करने का अधिकार है।

Haryana CM Saini: नायब सरकार ने मनोहर दौर के निर्णय को बदल दिया

Haryana CM Saini: हरियाणा के सरपंचों को अच्छी खबर मिली है। नायब सरकार ने सरपंचों को 21 लाख रुपये के विकास कार्य बिना टेंडर के करवाने की अनुमति दी है। मनोहर सरकार के एक और निर्णय को बदलते हुए सीएम नायब सिंह सैनी ने सरपंचों को ये अधिकार दिए हैं। मनोहर सरकार ने सरपंचों को पांच लाख रुपये तक के विकास कार्य बिना टेंडर के करवाने की अनुमति दी थी। इसके विरोध में सरपंचों के प्रदर्शन भी हुए। लाठीचार्ज हुआ, लेकिन सरकार ने अपना निर्णय नहीं बदला। लोकसभा चुनावों में पंचायत प्रतिनिधियों की नाराज़गी के कारण भाजपा ने सरपंचों को पहले से अधिक बल दिया है। सरकार ने सरपंचों को ग्राम पंचायतों के कार्यों में जाने के लिए 16 रुपये प्रति किमी का यात्रा भत्ता भी देने का ऐलान किया है। डीए और टीए क्लेम के लिए बिल भी बीडीपीओ के स्तर पर ही प्रस्तुत किया जाएगा।

साथ ही, निर्णय किया गया है कि भरत, या मिट्टी की लागत का प्रस्ताव ग्राम पंचायत द्वारा पास करके भेजने पर एस्टीमेट में ही खर्च शामिल किया जाएगा।

CM सैनी ने ये घोषणाएं मंगलवार को कुरुक्षेत्र में पंचायती राज एवं सरपंच सम्मेलन में की। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बनवारी लाल, डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा, विकास और पंचायत मंत्री महिपाल ढांडा, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री सुभाष सुधा, शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा, पूर्व मंत्री कर्णदेव काम्बोज, भाजपा विधायक लक्ष्मण यादव, सीताराम यादव, राजेश नागर, निर्मल चौधरी, डॉ. कृष्ण मिढ्ढा और बरवाला से जजपा विधायक जोगीराम सिहाग के अलावा पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल व पूर्व विधायक बख्शीश सिंह वर्क मौजूद रहे।

30 हजार तक कार्यक्रमों का खर्च

ग्राम पंचायत स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस या किसी विशिष्ट मंत्री या अधिकारी के गांव में आगमन पर 30 हजार रुपये तक कार्यक्रम पर खर्च कर सकती है। वर्तमान में सीमा तीन हजार रुपये थी। राष्ट्रीय ध्वज खरीदने, राष्ट्रीय पर्व पर मिठाई बांटने, पंचायत की गतिविधियों के प्रचार करने आदि पर खर्च की सीमा को 500 से बढ़ाकर पांच हजार रुपये किया गया है।

प्रोटोकॉल सूची में सरपंच

मुख्यमंत्री ने सरपंच पद को प्रोटोकॉल सूची में शामिल करने का भी ऐलान किया। डीसी और एसपी अब सरपंच की बैठक लेंगे। मुख्यमंत्री ने जूनियर इंजीनियर द्वारा कई महीनों तक एस्टीमेट नहीं बनाने की समस्या को हल करते हुए कहा कि सरपंच जैसे ही पंचायत द्वारा पारित विकास प्रस्ताव एचईडब्ल्यू पोर्टल पर डाला जाएगा, जूनियर इंजीनियर को 10 दिन के भीतर एस्टीमेट बनाकर अपलोड करना होगा।

वकीलों की फीस 6 गुणा तक बढ़ाई

पंचायतों से जुड़े न्यायालयों में वकीलों की लागत छह गुणा तक बढ़ी है। जिला या उपमंडल स्तर पर न्यायिक मामले में वकील की लागत 1100 रुपये से बढ़ाकर 5500 रुपये की गई है। वहीं सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में पैरवी करने की लागत 5500 से 33 हजार रुपये हो गई।

प्रदेश के सफाई कर्मचारियों के वेतन में भी 1000 रुपये की मासिक बढ़ोतरी की गई है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात सफाई कर्मचारियों पर वृद्धि दरें लागू होंगी। साथ ही, सरकार ने पंचायतों को जीईएम पोर्टल से प्रिंटर और लैपटॉप खरीदने की अनुमति दी है। हर बड़े टेंडर की सूचना सरपंच को एसएमएस के जरिये भेजी जाएगी। स्टाम्प ड्यूटी और बिजली बिल के सेस का पैसा सीधे पंचायत के खाते में जाएगा।

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