दिल्ली में “भारत बंद” से बाजार और ट्रैफिक पर प्रभाव

आज कृषक ‘भारत बंद‘ का आह्वान कर रहे हैं। दिल्ली के बाजारों और सड़कों पर इसका कोई प्रभाव नहीं दिखाई दिया। यहां सुबह नियमित आवाजाही दिखाई दी। राजधानी में बिक्री और होलसेल दुकानें भी पूरी तरह से खुली हैं। कैट ने कहा कि दिल्ली में कोई “भारत बंद” नहीं है। व्यापारियों ने अपने कार्यालय खोले हैं। सरकार और किसान संगठनों के बीच बातचीत जारी है, कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा। केंद्रीय मंत्रियों और किसानों ने देर रात भी चर्चा की। अब रविवार को भी बैठक होगी।

माना जाता है कि दोनों पक्षों ने बातचीत करके एक समाधान खोजने की कोशिश की है। ऐसे परिस्थितियों में ‘भारत बंद’ का कोई औचित्य नहीं है। व्यापारी करदाता हैं, जिनका राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है, जबकि किसान अन्नदाता हैं। व्यापारियों का राष्ट्रीय खजाने में योगदान कभी कम नहीं आंका जाना चाहिए। प्रवीन ने बताया कि पुलिस ने फिलहाल दिल्ली-यूपी और दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर कड़ी सुरक्षा दी है। बेरिकेडिंग के कारण सुबह और शाम को बॉर्डर पर जाम लगा रहता है। आम लोगों को आने-जाने में परेशानी होती है। गाजीपुर बॉर्ड, टिकरी बॉर्ड और सिंघु बॉर्ड में अधिक समस्या है।किसानों और भारी पुलिस बलों को यहां रोकने का प्रबंध किया गया है।

पब्लिक परिवहन पर कोई प्रभाव नहीं

रोजाना की तरह, ऑटो रिक्शा, टैक्सी और मालवाहक वाहन सड़कों पर चल रहे हैं। “भारत बंद” ने दिल्ली के सार्वजनिक परिवहन पर कोई प्रभाव नहीं डाला। कम्युनिस्ट पार्टी ने इसका समर्थन किया। हम ऑटो रिक्शा, टैक्सी और माल वाहकों के चालकों और मालिकों को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने ‘भारत बंद’ में हिस्सा नहीं लिया है। इन दिनों शादी-ब्याह का सीजन है। बाजार में खरीदारों की बहुतायत है। व्यापारी दौर में कोई भी व्यवसाय चौपट नहीं करना चाहता। दिल्ली से बाहर आने वालों को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। सभी को कमाई करने का मौका मिल रहा हैआम लोगों को धोखा देने वालों को पहचाना जाना चाहिए। सरकार किसानों की मांगों पर गंभीर है। चर्चा चल रही है। जल्द ही हल मिलेगा।

चांदनी चौक की दुकानें पूरी तरह से खुली हैं

Delhi Markets पूरी तरह से खुले हैं। चांदनी चौक में सभी कटरे, कूचे, गली में कपड़े की दुकान, शोरूम और गोदाम रोजाना की तरह काम कर रहे हैं। दैनिक रूप से खाने-पीने के ठियों पर भीड़ है। लेकिन ये कह सकते हैं कि व्यापारियों के सामान ट्रांसपोर्ट से 2-3 दिनों से नहीं आए हैं। व्यापारी, कर्मचारी और दिल्ली आने वाले लोगों को बोर्डर पार करना मुश्किल हो रहा है। कपड़ा मंडी पर इसका प्रभाव पड़ा है। जो लोग अभी दिल्ली या भारतीय रेल से आ रहे हैं, उन्हें कोई परेशानी नहीं हो रही है। टिकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर दोनों से आवक ठप है। सोनीपत से बाहर आने वाले लोगों को बॉर्डर पार करने के लिए बहुत घूमना पड़ता है। इसमें बहुत समय बीत गया है। व्यापारी चाहते हैं कि मामला जल्द से जल्द हल हो जाए।

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