
कैमूर की जनता और जनप्रतिनिधि बहुत नाराज थे। क्योंकि उनकी सुरक्षा करने वाले अधिकारियों ने लोगों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से दूर रखा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी प्रगति यात्रा के दौरान कैमूर जिले के मोहनिया प्रखंड के भरखर में लगभग 10 लाख रुपये की लागत से निर्मित पंचायत सरकार भवन का उद्घाटन किया। जीविका दीदी से मिले और कैमूर के विभिन्न विभागों के स्टॉलों को देखा।
350 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं को मंजूरी दी गई
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैमूर जिले में 350 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। भरखर पहुंचने पर ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों में व्यापक असंतोष देखा गया। क्योंकि उनकी सुरक्षा करने वाले अधिकारियों ने लोगों को नीतीश कुमार से दूर रखा। लोगों को पता नहीं था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैमूर जिले को उद्घाटन और शिलान्यास के रूप में कई योजनाओं का लाभ दिया है।
जिला अध्यक्ष और मुखिया संघ मीर इमरान ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता से बने हैं और हम भी जनता से बने हैं। जनप्रतिनिधि जनता से मिलने नहीं जा रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हर पंचायत में नहीं आते। हम सभी मुखिया से मिलने पहुंचे थे, लेकिन वे दूर रखे गए।
संघ मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा का विरोध करेगा। जनप्रतिनिधि को इस यात्रा में पंचायत को क्या मिला, वह जानना चाहिए। बात करने की अनुमति नहीं दी गई तो हम लोगों को क्या पता चलेगा कि क्या बदलाव हुआ है और क्या समस्याएं हैं जो हल की जानी चाहिए। भरखर गांव की एक महिला प्रमिला देवी ने बताया कि गांव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आगमन पर बैरियर लगाया गया है। हम भी उनको नहीं देख पाए।
जनप्रतिनिधि को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने नहीं दिया गया
कैमूर जिले के पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष प्रमोद सिंह ने कहा कि प्रगति यात्रा में जनप्रतिनिधि, कार्यकर्ता और गांव के किसी को नहीं मिलने दिया गया। पूरे कार्यक्रम को जिला प्रशासन ने नियंत्रित किया। हर जगह सौ फीट की दूरी बनाई गई। हम लोगों का अनुमंडल से पास होने के बावजूद, यहां तैनात पुलिस अधिकारियों ने कहा कि यह फर्जी पास है। इसे व्यवस्था की चूक बताया जाएगा।
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