ललितेशपति त्रिपाठी ने अमित शाह के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आम जनता नहीं, बल्कि नेता एक्सप्रेस वे का लाभ उठाते हैं।
![ललितेशपति त्रिपाठी ने अमित शाह के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आम जनता नहीं, बल्कि नेता एक्सप्रेस वे का लाभ उठाते हैं। ललितेशपति त्रिपाठी ने अमित शाह के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आम जनता नहीं, बल्कि नेता एक्सप्रेस वे का लाभ उठाते हैं।](https://i0.wp.com/citizensdaily.in/wp-content/uploads/2024/05/lalitehsh_tirpathi-sixteen_nine.jpg?resize=780%2C470&ssl=1)
टीएमसी के भदोही उम्मीदवार ललितेशपति त्रिपाठी ने कहा कि अमित शाह के पास कोई विकास मुद्दा नहीं है। इसलिए ये लोग पाकिस्तान जैसे मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं। क्योंकि उनका विकास देश में रहने वाले अधिकांश लोगों का विकास नहीं है।
लोकसभा चुनाव में पांच चरणों का मतदान पूरा हो चुका है। छठे चरण में मतदान किया जाना है। 25 मई को छठवें चरण का मतदान होगा। 8 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 58 सीटों पर इस दौरान मतदान होगा।केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने इस बीच पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर बयान दिया। तृणमूल कांग्रेस के भदोही उम्मीदवार ललितेशपति त्रिपाठी ने अमित शाह की टिप्पणी की है। उनका कहना था कि उन्हें विकास के एजेंडे में सहयोग नहीं मिल रहा है। क्योंकि इन्होंने जो विकास इन्होंने कराया है, वह इस देश के सर्वाधिक लोगों का विकास नहीं है।
ललितेशपति त्रिपाठी ने अमित शाह के बयान पर क्या कहा
उनका दावा था कि आप पूर्वांचल में एक्सप्रेस वे बेच रहे हैं। 5-6 प्रतिशत पूर्वांचल में गाड़ी रंखते हैं। इतनी बड़ी संख्या में चारपहिया वाहन मालिकों के लिए 21 हजार करोड़ का हाईवे बनाया गया। मानते हैं कि अगर वे बाद में चारपहिया वाहन खरीदेंगे तो इस हाईवे की आवश्यकता होगी। नेताओं और अधिकारियों को पूर्वांचल में इस एक्सप्रेसवे या हाईवे का लाभ मिलता है। 6 लेन एक्सप्रेस वे की तुलना में गांव की सड़क बनाने में आम जनता को कम लाभ मिलता है। उनका कहना था कि वे इस तरह के मुद्दे उठाते हैं क्योंकि उन्हें विकास के मुद्दे पर जवाब नहीं देना है।
भाजपा ने ध्यान भटकाने की कोशिश की
ललितेशपति त्रिपाठी ने कहा कि पीओके को अपने हाथ में लेना सिर्फ देश की सरकार का काम नहीं है। अगर सरकार भी ऐसा करती है, तो आप युद्ध का ऐलान कर रहे हैं किसी विवादित देश के साथ या किसी हिस्से के साथ जो भारत का कभी अंग था। राजनैतिक स्तर पर यह घोषणा नहीं की जा सकती है। ये भाषण में घोषित नहीं किए जा सकते। उसकी व्यवस्था करनी होगी अगर आप युद्ध करना चाहते हैं। मुझे नहीं लगता कि देश के संसाधन पर्याप्त हैं कि वह एक लंबी लड़ाई लड़े। यहां की युवा पीढ़ी महंगाई के दबाव में है और उनके परिवारों को रोजी-रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ा है। सभी चीजों का दाम बढ़ गया है। इस तरफ ध्यान न जाए, इसलिए इस तरह के मुद्दे ये लोग सामने रख रहे हैं।