India Gold Reserve: भारतीय रिजर्व बैंक अपने विदेशी मुद्रा भंडार के पोर्टफोलियो को डायवर्स बनाने और वोलेटिलिटी को नियंत्रित करने के लिए अधिक सोना खरीद रहा है।
India Gold Reserve: भारत का सोने का भंडार पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है। हाल ही में सोने की खपत बढ़ी है। सोने की खरीदारी का यह रिकॉर्ड अभी भी बना हुआ है, और मई महीने में भी भारी मात्रा में सोना खरीदा गया है।
सिर्फ एक महीने में सोने की इतनी खरीद
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने मई महीने में दुनिया में सोने का तीसरा सबसे बड़ा खरीदार बनकर उभरा। भारत ने पिछले महीने 722 करोड़ रुपये का सोना खरीदा। मात्रा के हिसाब से यह खरीद 45.9 टन है। इससे पता चलता है कि भारत अभी भी अपने सोने के भंडार को अधिकतम करने के लिए आक्रामक रुख अपनाए हुए है।
भारत से ज्यादा इन्होंने खरीदा सोना
बीते महीने सिर्फ दो देश भारत से अधिक सोना खरीदते थे। स्विट्जरलैंड ने सबसे पहले 312.4 टन सोना खरीदा। इस खरीदारी की वैल्यू 2,461 करोड़ रुपये है। चीन (86.8 टन) 2,109 करोड़ रुपये में खरीदकर दूसरे स्थान पर रहा।
5 साल में इतना बढ़ गया सोने का भंडार
भारत के सोने का भंडार पिछले कुछ सालों में काफी बढ़ा है। मार्च 2019 में भारत का सोने का भंडार 618.2 टन था। मार्च 2014 तक भंडार 822.1 टन था। यानी पिछले पांच वर्षों में भारत के सोने के भंडार में शानदार 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर ने बताया था कारण
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि देश के विदेशी मुद्रा भंडार को स्थिर करने और पोर्टफोलियो को डायवर्स करने के लिए सोने की अधिक खरीद की जा रही है। उन्होंने कहा था कि डॉलर के वोलेटाइल होने से रिजर्व बैंक ने सोने के भंडार को बढ़ाने की जरूरत महसूस की.
निवेशकों को सोना पसंद है
दरअसल सोना निवेशकों को पुराने जमाने से पसंद आता रहा है। आज पीली धातु को अनिश्चित परिस्थितियों में सुरक्षित निवेश माना जाता है। यही कारण है कि जब भी दुनिया में भू-राजनीतिक तनाव की स्थिति बनती है, सोने की डिमांड तेज हो जाती है और उसका भाव बढ़ने लग जाता है। रिजर्व बैंक और बहुत से अन्य देशों के सेंट्रल बैंक सोने का सबसे बड़ा खरीददार हैं।